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चीन द्वारा उइगर मुस्लिमों पर जारी अत्याचार के बारे में अमेरिका हुआ सख्त,यूएनओ से जांच करवाने की बात कही- विजयशंकर दूबे (क्राइम एडिटर)

चीन द्वारा शिनजियांग प्रांत में उइगर मुस्लिमों पर लगातार जारी दमन को लेकर अमेरिका ने कहा है कि बीजिंग विवादित प्रांत में चल रहे हिरासत केंद्रों की जांच संयुक्त राष्ट्र और अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों से कराए। अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकेन ने कहा कि शिनजियांग प्रांत में उइगर मुसलमानों के खिलाफ चीन के ‘नरसंहार’ पर अमेरिका जोरशोर से आवाज उठाता रहेगा।
अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकेन ने सीनेट की विदेश मामलों की समिति के सामने एक गवाही में कहा कि अमेरिकी विदेश नीति हर सूरत में मानवाधिकार और लोकतंत्र पर आधारित रहेगी।
विदेश मामलों की समिति ने जब ब्लिंकेन से उइगर और हांगकांग के मामलों पर चीन के साथ अमेरिकी रुख के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा कि यदि चीन के पास छिपाने के लिए कुछ भी नहीं है तो वह दुनिया को दिखाए कि इन क्षेत्रों में जो कुछ हो रहा है वह एकदम सही है। ब्लिंकेन ने इस बाबत अंतरराष्ट्रीय पहुंच देने के लिए संयुक्त राष्ट्र को बुलावा दे। संसद में विदेश मामलों की समिति के सदस्यों को ब्लिंकेन ने बताया, चीन के मानवाधिकारों के हनन संबंधी मामलों पर अमेरिका बोलना जारी रखेगा।

अमेरिका कई कदम उठा सकता है
सांसद माइकल मैककॉल ने विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकेन से पूछा था कि बाइडन प्रशासन चीन में हुए उइगर नरसंहार को रोकने के लिए क्या अतिरक्त कदम उठा रहा है? इस पर ब्लिंकेन ने कहा, मुझे लगता है कि हम कई चीजें कर सकते हैं और ऐसा करेंगे भी। हम जो कदम उठा सकते हैं उनके तहत नरसंहार व मानवाधिकार हनन के लिए उन्हें जिम्मेदार ठहरा सकते हैं, पाबंदी लगा सकते हैं और वीजा प्रतिबंध के विकल्प भी हैं।

अलास्का में होगी अमेरिका-चीन अधिकारियों की बैठक
व्हाइट हाउस और विदेश मंत्रालय ने कहा कि बाइडन प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी चीनी समकक्षों से पहली बार अलास्का के एंकरेज में 18 मार्च को मिलेंगे। इसमें विदेश मंत्री ब्लिंकेन, एनएसए जैक सुलिवान के साथ चीनी सत्तारूढ़ पार्टी के विदेश मंत्री वांग यी शामिल होंगे। बैठक में तिब्बत, हांगकांग और शिनजियांग क्षेत्र में व्यापार व मानवाधिकार मुद्दों पर चर्चा होगी। साथ ही दक्षिण चीन सागर को लेकर भी वार्ता होगी।

ट्रेड और दक्षिण चीन सागर पर अमेरिकी सीनेट में प्रस्ताव पेश
अमेरिका के प्रभावशाली सीनेटरों ने दक्षिण चीन सागर के सैन्यीकरण पर चीनी कार्रवाई की निंदा करते हुए सीनेट में कई प्रस्ताव पेश किए। इनमें चीन द्वारा वैश्विक बाजारों को विकृत करने और अमेरिकी कारोबार को चोट पहुंचाने वाले चीन के आर्थिक बर्ताव से निपटने के लिए भी प्रस्ताव रखे गए। सीनेटर रिक स्कॉट, जोश हॉले, डैन सुलिवन, थॉम टिलिस और रोजर विकर द्वारा पेश इन प्रस्तावों में कहा गया है कि दक्षिण चीन सागर में चीन की आक्रामक और गैरकानूनी कार्रवाई को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है। प्रस्ताव में साहसी तटरक्षक बल और नौसेना सदस्यों की सराहना की गई जो इस क्षेत्र में वैश्विक गतिविधियां जारी रखे हुए हैं।

महिलाओं से दुर्व्यवहार पर चीन को जिम्मेदार ठहराएं
वैश्विक सांसदों के एक समूह ने सरकारों से कहा है कि वे शिनजियांग में अल्पसंख्यक महिलाओं के साथ चीनी दुर्व्यवहार और उनके बच्चा पैदा करने के अधिकार पर रोक के खिलाफ चीन को जिम्मेदार ठहराएं। रेडियो फ्री एशिया के मुताबिक, चीन पर अंतर-संसदीय गठबंधन (आईपीएसी) के सांसदों ने कहा कि चीन अपने सुधार केंद्रों में इन महिलाओं के साथ क्रूरता बरत रहा है। इन महिलाओं की जबरन नसबंदी की जा रही है और उनसे साथ दुष्कर्म की खबरें भी हैं।

चीन के खिलाफ हुई यूरोप की सबसे बड़ी पार्टी
यूरोपीय संसद की सबसे बड़ी पार्टी ईपीपी (यूरोपीय पीपुल्स पार्टी) चीन पर कठोर नीति अपनाने के लिए तैयार है। इसमें ताइवान के साथ निवेश समझौता और शिनजियांग के हिरासत केंद्रों में उत्पादित वस्तुओं पर प्रतिबंध शामिल है। साउथ चायना मॉर्निंग पोस्ट के अनुसार ईपीपी ने अपने दस्तावेज में कहा है कि ताइपे से वार्ता के लिए बैठकों का एक तंत्र विकसित करना चाहिए।

चीन 21वीं सदी में सबसे बड़ा सामरिक खतरा
पेंटागन के एक शीर्ष कमांडर ने अमेरिकी सांसदों से कहा है कि चीन 21वीं सदी में सबसे बड़ा एवं दीर्घकालीन सामरिक खतरा पैदा कर रहा है। अमेरिकी हिंद-प्रशांत कमान के कमांडर एडमिरल फिलिप डेविडसन ने प्रतिनिधि सभा की सशस्त्र सेवा समिति के समक्ष कहा कि चीनी सेना लगातार आकार बढ़ा रही है और उसकी संयुक्त क्षमताओं में वृद्धि हो रही है। ऐसे में क्षेत्र के भीतर सैन्य संतुलन अमेरिका व उसके सहयोगियों के लिए प्रतिकूल हो गया है।

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