अफगानिस्तान से अमेरिकी सेना वापस बुलाने के लिए एक मई की समय-सीमा नजदीक आ रही है लेकिन ऐसा लग रहा है कि राष्ट्रपति जो बाइडन इसके लिए तैयार नहीं हैं।
इस संबंध में 2009 से 2013 तक नाटो के शीर्ष कमांडर रहे पूर्व नौसेना एडमिरल जेम्स स्टेविडिस ने कहा कि कई बार कोई फैसला न लेना भी फैसला बन जाता है, जो एक मई की समय-सीमा के मामले में सच लगता है।
बता दें कि बाइडन के किसी भी फैसले पर न पहुंचने से अफगानिस्तान में बाकी के 2,500 अमेरिकी सैनिकों को वापस बुलाने पर रोक लग सकती है और अमेरिका तालिबान के बढ़ते खतरे से जूझ रही अफगान सेना को समर्थन जारी रख सकता है।
पूर्व नौसेना एडमिरल ने सैनिकों की जल्द वापसी को नासमझी बताते हुए कहा कि इस बार वह कहावत चरितार्थ होती दिख रही है कि कई बार फैसला नहीं लेना भी एक बड़ा फैसला होता है।
अब ऐसा लगता है कि अफगानिस्तान में अमेरिकी सेना की मौजूदगी को छह महीने का विस्तार मिल सकता है और तालिबान को अपने वादे पूरे करने के लिए राजी करने की कोशिश की जा सकती है। यह कोशिश अफगानिस्तान से सैनिकों को वापस बुलाने की अहम शर्त है। बाइडन पहले ही कह चुके हैं कि एक मई की समय-सीमा को पूरा करना मुश्किल होने जा रहा है।