चीन के विदेश मंत्री वांग यी की पश्चिम एशिया के छह देशों की यात्रा ने एक बात साफ कर दी है कि मानवाधिकार जैसी पश्चिमी देशों की चिंता उसके लिए कोई मुद्दा नहीं है। बल्कि मानवाधिकार हनन के सवाल पर किसी देश के अंदरूनी मामले में दूसरे किसी देश के दखल का चीन खुला विरोध करेगा। गौरतलब है कि अपनी पश्चिम एशिया यात्रा के दौरान वांग उन देशों में गए, जहां पश्चिमी समझ के मुताबिक निरंकुश शासन है।
वांग ने सऊदी अरब, टर्की, ईरान, यूएई, बहरीन और ओमान की यात्रा की। इनमें टर्की औपचारिक रूप से लोकतांत्रिक देश है, लेकिन आम धारणा है कि राष्ट्रपति रजिब तैयिब अर्दोआन के सत्ता में आने के बाद वहां तानाशाही प्रवृत्तियां हावी हुई हैं। ईरान खुद को इस्लामी लोकतंत्र कहता है, लेकिन वहां सर्वोच्च सत्ता धर्मगुरु के हाथ में है। बाकी चारों देश राजशाही हैं।