एक्सक्लूसिव रिपोर्ट

भारत संग युद्ध की तैयारी में जुटा चीन

भारत और चीन के बीच मई की शुरुआत से वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर गतिरोध जारी है। इसी बीच अपनी नापाक हरकतों से ड्रैगन बाज आता हुआ नहीं दिख रहा है। भारतीय सेना की चौकसी ने उसके हर नापाक मंसूबों पर पानी फेर दिया है। ऐसे में अपनी खोखली अकड़ दिखाने के लिए चीन एलएसी पर टैंक तैनात कर रहा है। हालांकि भारतीय सेना पूरी तरह से मुस्तैद और अलर्ट हैं। वे चीन की हर नामाकूल हरकत का उचित जवाब देने के लिए तैयार हैं।
बता दें कि दोनों देशों की सेनाओं के बीच पूर्वी लद्दाख में पिछले नौ महीने से तनाव जारी है। दोनों ही देश सीमा विवादों को हल करने के लिए सैन्य और राजनयिक वार्ता स्तर पर वार्ता कर रहे हैं। हालांकि इनका कोई खास नतीजा नहीं निकला है। अब एलएसी से महज 200 मीटर की दूरी पर चीनी टैंक देखे गए हैं। इससे दोनों के बीच विवाद बढ़ने के आसार हैं।

200 मीटर की दूरी पर तैनात किए टैंक
खबरों के अनुसार, चीन ने एलएसी पर भारतीय चौकियों के सामने टैंक तैनात किए हैं। एलएसी पर भारतीय टी-90 और चीनी टी-15 टैंक 200 मीटर की दूरी पर आमने-सामने तैनात हैं। चीन ने रेजांगला, रेचिन ला और मुखोसरी पर अपने टी-15 टैंक तैनात किए हैं। ड्रैगन ने भारतीय चौकियों के सामने जो टैंक तैनात किए हैं वो हल्के हैं। वहीं अमेरिका ने भारतीय नौसेना को चीन की एक और नापाक हरकत के बारे में चेताया है। अमेरिका का कहना है कि चीन के 12 जंगी जहाज अंडमान द्वीप की ओर बढ़ने के लिए तैयार हैं।

चीन पहले ही तैनात कर चुका है मिसाइल
चीन ने दिसंबर में पूर्वी लद्दाख में जारी गतिरोध के मद्देनजर रडार, सतह से हवा में और सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइलें और अन्य हथियार भारी संख्या में तैनात कर दिए थे। इस बात की पुष्टि भारतीय वायुसेना प्रमुख आरकेएस भदौरिया ने दिसंबर में की थी। उन्होंने ड्रैगन को चेतावनी देते हुए कहा था कि दोनों देशों के बीच अगर सीधा टकराव होता है तो यह चीन के लिए नुकसानदेह साबित होगा।

भारत ने की बड़ी तैयारी
चीन की किसी भी हरकत का जवाब देने के लिए भारत ने भी बड़ी तैयारी की हुई है। सूत्रों के अनुसार, भारत ने बड़ी संख्या में टी-90 और टी-72 टैंक, तोपों, अन्य सैन्य वाहनों को विभिन्न संवेदनशील इलाकों में पहुंचा दिया है। केवल इतना ही नहीं सेना ने 16,000 फुट की ऊंचाई पर तैनात जवानों के लिए बड़ी मात्रा में कपड़े, टेंट, खाद्य सामग्री, संचार उपकरण, ईंधन, हीटर भी पहुंचा दिए हैं। चीन को उचित जवाब देने के लिए पूर्वी लद्दाख में तीन अतिरिक्त सेना डिविजन की तैनाती की जा चुकी है।

शी जिनपिंग को मिली युद्ध की शक्तियां
चीन ने एक जनवरी से सेंट्रल मिलिट्री कमिशन (सीएमसी) की शक्तियां बढ़ाने के लिए अपने राष्ट्रीय रक्षा कानून में बदलाव किया है। चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग इस कमिशन के अध्यक्ष हैं। नए कानून के तहत अब ‘राष्ट्र हित’ देश में और विदेश में यह कमिशन सैन्य और नागरिक संसाधन जुटा सकेगा। सेना के लिए नीति बनाने में स्टेट काउंसिल की भूमिका कम हो जाएगी और सीएमसी के पास ज्यादा ताकत होगी। विशेषज्ञों का मानना है कि जिनपिंग के नेतृत्व में सेना अब और ज्यादा ताकतवार हो जाएगी।

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