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गलवान संघर्ष में मरे चीनी सैनिकों की संख्या पर सवाल उठाने वाले चीनी पत्रकार को मिली 8 महिने की कैद -राकेश पांडेय (स्पेशल एडिटर)

भारतीय सेना से लद्दाख के पास गलवान घाटी में हुई झड़प में चीनी सैनिकों की मौत के आंकड़े सवाल उठाने वाले ब्लॉगर को 8 महीने कैद की सजा दी गई है। चीन की ओर से झड़प में मारे गए सैनिकों का जो आंकड़ा दिया गया था, उस पर ब्लॉगर ने सवाल खड़े किए थे। इस पर चीन आगबबूला हो गया था। इन टिप्पणियों के चलते उसे हिरासत में ले लिया गया था और अब 8 महीने कैद की सजा सुनाई गई है। इंटरनेट पर 2.5 मिलियन फॉलोअर्स के साथ सिलेब्रिटी स्टेटस हासिल कर चुके किउ जिमिंग पर शहीदों के अपमान का आरोप लगाया गया है। चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने अपनी रिपोर्ट में यह जानकारी दी है।
ब्लॉगर को 8 महीने की सजा देने के साथ ही यह आदेश भी दिया गया है कि वह राष्ट्रीय मीडिया के जरिए 10 दिनों के अंदर अपने बयान को लेकर माफी मांगे। कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि किउ ने अपनी गलती स्वीकार की है और अदालत में अपनी अर्जी में कहा है कि वह आगे कभी इस तरह की हरकत नहीं करेगा। इसलिए उसे कम सजा दी गई है। इससे पहले 1 मार्च को किउ ने एक टीवी चैनल पर अपने बयान को लेकर माफी मांगी थी। ग्लोबल टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक किउ ने कहा था कि मैं अपने बयान को लेकर शर्मिंदा हूं और माफी मांगता हूं।
किउ का बयान चीन की ओर से गलवान घाटी में भारतीय सैनिकों के साथ झड़प में 4 सैनिकों के मारे जाने की पुष्टि के बाद आया था। लंबे समय तक चीन ने गलवान में अपने किसी सैनिक के मारे जाने की पुष्टि ही नहीं की थी, लेकिन दबाव के बाद यह स्वीकार किया था। इसके बाद ही दो सोशल मीडिया पोस्ट में किउ ने दावा किया था कि चीन सरकार जितने सैनिकों की मौत की बात कर रही है, उससे कहीं ज्यादा लोग हताहत हुए हैं। बता दें कि इसी साल फरवरी में रूसी न्यूज एजेंसी तास ने दावा किया था कि गलवान घाटी में कुल 45 चीन सैनिकों की मौत हुई है।

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