काबुल
अफगानिस्तान में रुकी हुई शांति प्रक्रिया को फिर से शुरू करने के प्रयासों के बावजूद हिंसा का स्तर ऊंचा बना हुआ है। केवल दो दिनों (3-4 जून) को झड़पों और सुरक्षा घटनाओं में कुल 119 लोग मारे गए। एक अधिकारी ने इसकी जानकारी दी। टोलो न्यूज ने रविवार को एक अधिकारी के हवाले से बताया कि इस दौरान 196 सुरक्षाकर्मी भी घायल हुए हैं। अधिकारी के मुताबिक, 3 जून को 54 लोग मारे गए थे, जबकि अगले दिन 65 लोग मारे गए थे। 119 पीड़ितों में से 102 सुरक्षा बलों के सदस्य थे।
अधिकारी ने कहा कि दो दिनों में 17 नागरिक हताहत हुए, जबकि 55 घायल हुए। इस बीच, रक्षा मंत्रालय के आंकड़ों से पता चला है कि 3 जून को आठ प्रांतों में अफगान रक्षात्मक अभियानों में 183 तालिबान मारे गए थे, और 4 जून को छह प्रांतों में 181 आतंकवादी मारे गए थे। तालिबान ने हालांकि इन आंकड़ों को खारिज किया है। देश के स्वतंत्र मानवाधिकार आयोग के अनुसार, बीते साल संघर्ष के कारण 2,950 से अधिक नागरिक मारे गए और 5,540 से अधिक घायल हो गए।
कार बम विस्फोट में कम से कम दो लोगों की मौत
स्वतंत्र मानवाधिकार आयोग के आंकड़ों के मुताबिक, पिछले साल अलग-अलग हमलों में कुल हताहतों में से 330 महिलाएं और 565 बच्चे मारे गए थे। इससे पहले अफगानिस्तान के उत्तरी प्रांत बल्ख में जिला पुलिस थाने में हुए एक कार बम विस्फोट में कम से कम दो लोगों की मौत हो गई और 18 अन्य घायल हो गए। ये जानकारी सूत्रों के हवाले से मिली है। समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, ये घटना रविवार को प्रांतीय राजधानी मजार-ए-शरीफ के उत्तर-पश्चिम में स्थित बल्ख जिला पुलिस स्टेशन थाने में हुई।
अधिकारी ने कहा कि विस्फोट से आसमान में घना धुआं फैल गया और इससे दहशत मच गई। प्रांतीय पुलिस प्रवक्ता आदिल शाह आदिल ने सिन्हुआ को बताया कि इस घटना में जिला पुलिस के आपराधिक जांच विभाग के प्रमुख और एक अधिकारी की मौत हो गई और जिला पुलिस प्रमुख सहित 18 अन्य लोग और कई नागरिक घायल हो गए। स्थानीय निवासियों ने मीडिया को बताया कि तालिबान के आत्मघाती हमलावर ने पुलिस स्टेशन के कार्यालय के सामने के गेट पर विस्फोटकों से लदे अपहृत सैन्य वाहन में विस्फोट कर दिया, जिससे कई इमारतें और वाहन नष्ट हो गए।
