ब्रेकिंग न्यूज़

भारतीय तटरक्षक बल के लिए पांचवां तीव्र गश्ती पोत ‘अटल’ गोवा शिपयार्ड में लांच

– यह जहाज तस्करी​ रोधी, समुद्री डकैती​ रोधी और खोज एवं बचाव अभियान चलाएंगे

नई दिल्ली,  (हि.स.)।​ गोवा शिपयार्ड लिमिटेड (जीएसएल)​ में भारतीय तटरक्षक बल (आईसीजी) के लिए निर्मित हो रहे आठ तीव्र गश्ती पोतों​ में से पांचवां मंगलवार को लांच किया गया। आईसीजी ​के प्रधान वित्तीय सलाहकार ​की पत्नी शिल्पा अग्रवाल ​ने ‘अथर्ववेद’ के मंत्रोच्चार के साथ ​पोत का शुभारंभ​ किया। इस जहाज से मत्स्य संरक्षण और द्वीप क्षेत्रों, विशेष रूप से आर्थिक क्षेत्र और तटीय गश्त के आसपास निगरानी होगी। ​यह जहाज तस्करी​ रोधी, समुद्री डकैती​ रोधी और खोज एवं बचाव अभियान भी चलाएंगे।

आईसीजी​ के कमांडेंट अमित उनियाल ने बताया कि भारतीय तटरक्षक बल​ के दिल्ली मुख्यालय में तैनात प्रधान वित्तीय सलाहकाररोजी अग्रवाल कार्यक्रम के मुख्य अतिथि​ थे और परंपरा के अनुसार उनकी पत्नी शिल्पा अग्रवाल ​ने तीव्र गश्ती पोत​ ‘अटल’ का जलावतरण किया।​ प्रमुख भारतीय रक्षा उद्यम (डीपीएसयू) जीएसएल​ आईसीजी के लिए​ इस शृंखला के​ आठ पोतों का निर्माण कर रहा है।​ आज लांच किया गया पोत​ इन्हीं में से पांचवां है।​ इस भव्य समारोह में​ आईजी सुधीर साहनी, टीएम, डीडीजी (एमएंडएम) और आईसीजी के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे। ​

समारोह में मुख्य अतिथि​ अग्रवाल​ ने बताया कि इन जहाजों को आईसीजी की विशिष्ट आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए स्वदेशी रूप से डिजाइन और निर्मित किया गया है। जहाज की लंबाई 52 मीटर, चौड़ाई 8 मीटर है और इसकी विस्थापन क्षमता 320 टन होगी। ये उन्नत फास्ट पेट्रोल जहाज आईसीजी को अपतटीय परिसंपत्तियों और द्वीप क्षेत्रों की सुरक्षा में सहायता करेंगे। उनकी प्राथमिक भूमिका मत्स्य संरक्षण और द्वीप क्षेत्रों, विशेष रूप से आर्थिक क्षेत्र और तटीय गश्त के आसपास निगरानी होगी। जहाज तस्करी-रोधी, समुद्री डकैती-रोधी और खोज एवं बचाव अभियान भी चलाएंगे।

मुख्य अतिथि ने सभी जहाज निर्माण आवश्यकताओं को स्वदेशी रूप से पूरा करने के लिए भारतीय तटरक्षक बल और गोवा शिपयार्ड लिमिटेड ​के प्रयासों को ​सराहा। उन्होंने इस महत्वपूर्ण उपलब्धि को प्राप्त करने पर सभी को बधाई दी, ताकि रक्षा उत्पादन में ‘आत्मनिर्भरता’ की ​ओर सही दिशा में आगे ​बढ़ा जा सके। –

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *