
कोलकाता, (हि.स.)। गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स लिमिटेड (जीआरएसई) ने शनिवार को भारतीय नौसेना को दूसरी पनडुब्बी रोधी उथले जल युद्धपोत (एंटी सबमरीन वॉरफेयर शैलो वॉटरक्राफ्ट) सौंप दी। यह युद्धपोत ‘अंद्रोत’ नाम से नौसेना को दिया गया है।
पहली जहाज ‘अर्नाला’ इसी श्रृंखला की थी, जिसे जीआरएसई ने 8 मई को सौंपा था और 18 जून को भारतीय नौसेना में शामिल कर लिया गया था। अब दूसरी युद्धपोत ‘अंद्रोत’ की डिलीवरी के साथ देश की समुद्री सुरक्षा और मजबूत होगी।
अंद्रोत का नाम लक्षद्वीप समूह के अंद्रोत द्वीप पर रखा गया है। यह इस श्रेणी का दूसरा युद्धपोत है, जिसमें स्वदेशी 30 मिमी नौसैनिक तोप लगाई गई है। इस तोप का निर्माण भी जीआरएसई ने किया है।
भारतीय नौसेना ने कुल 16 उन्नत पनडुब्बी रोधी उथले जल युद्धपोतों का ऑर्डर दिया है। इनमें से आठ का निर्माण जीआरएसई कर रही है, जबकि बाकी आठ एक अन्य भारतीय शिपयार्ड बना रहा है। जीआरएसई ने अपने हिस्से के सभी आठ जहाज लॉन्च कर दिए हैं और अब तक दे नौसेना को सौंप चुकी है।
ये युद्धपोत तटीय क्षेत्रों में पनडुब्बियों की निगरानी, खोज और हमले करने में सक्षम हैं। इनके जरिए विमान के साथ समन्वित पनडुब्बी रोधी अभियान भी चलाए जा सकते हैं। इसमें अत्याधुनिक कॉम्बैट मैनेजमेंट सिस्टम, हल्के टॉरपीडो और पनडुब्बी रोधी रॉकेट लगाए जाएंगे
