एक्सक्लूसिव रिपोर्ट

अब आर्मेनिया में भी तख्तापलट की बड़ी साजिश,अपनी ही सेना के खिलाफ सड़क पर उतरे P.M.- चंद्रकांत मिश्र (एडिटर इन चीफ)

म्यांमार के बाद अब एक और देश में सेना तख्तापलट कर सकती है. आर्मेनिया के प्रधानमंत्री को डर है कि सेना देश की बागडोर अपने हाथों में ले सकती है. आर्मेनिया में तेजी से बदलते हालात पर दुनिया की नजर है. अगर यहां सेना सरकार को हटाकर कमान अपने हाथ में लेती है, तो इस साल म्यांमार के बाद तख्तापलट वाला दूसरा देश होगा. आर्मेनिया के प्रधानमंत्री निकोल पाशिनयान ने आरोप लगाया है कि सेना के शीर्ष अधिकारियों ने तख्तापलट की साजिश रची.
सेना ने प्रधानमंत्री से पद छोड़ने को कहा था, जब उन्होंने ऐसा नहीं किया तो देश की कमान अपने हाथों में लेने की कोशिश की. प्रधानमंत्री के खिलाफ आम जनता भी सड़कों पर उतरी हुई है. पिछले साल नवंबर में नागोरनो और काराबख क्षेत्र को लेकर आर्मेनिया और अजरबैजान के बीच जंग छिड़ गई थी. इसके बाद पीएम के खिलाफ प्रदर्शन शुरू हो गए थे. इस हफ्ते फिर से सरकार विरोधी प्रदर्शन ने आग पकड़ ली है.

प्रधानमंत्री को बता रहे ‘गद्दार’
निकोल पाशिनयान पर दबाव बढ़ता जा रहा है. लोगों का मानना है कि अजरबैजान के खिलाफ जंग में उन्होंने सही फैसले नहीं लिए. सेना ने भी बयान जारी कर उनका इस्तीफा मांगा है. विपक्षी दल के समर्थक सड़कों पर उतरे हुए हैं. वह निकोल को ‘गद्दार’ बता रहे हैं और उनके खिलाफ ‘इस्तीफा दो’ के नारे लगा रहे हैं.

सेना के खिलाफ पाशिनयान भी सड़क पर
आर्मेनिया के सेना प्रमुख ओनिक गैसपारयान के खिलाफ खुद प्रधानमंत्री निकोल पाशिनयान भी सड़क पर उतर आए हैं. वह अपने समर्थकों के साथ राजधानी येरेवन की सड़कों पर विशाल रैली निकाली. हजारों लोग प्रधानमंत्री के समर्थन में सामने आए और सेना के खिलाफ प्रदर्शन किया. प्रधानमंत्री ने सेना को दो टूक कहा कि उसे अपना काम करना चाहिए. उन्हें इस्तीफा देना चाहिए या नहीं, यह फैसला देश की जनता को करना है.

रूस और तुर्की चिंतित
रूस ने आर्मेनिया में उठे विवाद का शांतिपूर्ण ढंग से समाधान ढूंढने की बात कही है. रूस का सैन्य बेस आर्मेनिया में है और वह यहां की मौजूदा स्थिति से चिंतित है. तुर्की के विदेश मंत्री मेवलु कावूसोलू ने भी तख्तापलट की कोशिशों की निंदा की है.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *