स्पेशल रिपोर्ट

नार्दन एलायंश आर्मी और तालिबान के बीच जारी भीषण जंग में,तालिबान का हुआ जबरदस्त नुकसान – हेमंत सिंह (स्पेशल एडिटर)

काबुल पर तालिबान का कब्जा हो चुका है। अमेरिकी सैनिक अफगानिस्तान से लौट चुके हैं। तालिबान सरकार गठन की तैयारी में है लेकिन पंजशीर घाटी पर अब तक तालिबान का नियंत्रण नहीं है। पंजशीर घाटी पर नॉर्दर्न एलायंस का नियंत्रण है। पंजशीर घाटी तालिबान विरोधी ताकत का अंतिम प्रमुख गढ़ है।

नेशनल रेजिस्टेंस फ्रंट ऑफ़ अफगानिस्तान के प्रवक्ता फहीम दश्ती ने जानकारी दी है कि 30 अगस्त को तालिबान लड़ाकों ने पंजशीर घाटी के प्रवेश द्वार पर हमला किया है। इस हमले में 7-8 तालिबान लड़ाकों की मौत हो गई है और 10 के करीब घायल हो गए हैं। नेशनल रेजिस्टेंस फ्रंट के भी 10 लड़ाके इस लड़ाई में घायल हुए हैं।

हिंदुकुश पहाड़ियों से घिरी पंजशीर घाटी तालिबानी विरोधी ताकत का केंद्र मानी जाती है। साल 1996 से 2001 तक तालिबान के शासन के दौरान भी पंजशीर घाटी उनके नियंत्रण में नहीं था। पंजशीर घाटी में नॉर्दर्न एलायंस ने तालिबान को लगातार कड़ी चुनौती दी है।

मौजूदा वक्त में अफगानिस्तान के कार्यवाहक राष्ट्रपति अमरुल्ला सालेह और अहमद शाह मसूद के बेटे अहमद मसूद पंजशीर घाटी में हैं और तालिबान को चुनौती दे रहे हैं। हाल ही में अहमद मसूद ने तालिबान के साथ जाने के दावे को खारिज कर दिया है। मसूद ने कहा है कि वह अपने पिता के नक्शेकदम पर चलेंगे और तालिबान के सामने आत्मसमर्पण नहीं करेंगे। उन्होंने कहा है कि, ‘मैं अहमद शाह मसूद का बेटा हूं। मेरी डिक्शनरी में सरेंडर जैसा कोई शब्द नहीं है।’

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