इस्लामाबाद। भारत का मोस्ट वांटेड और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर घोषित आतंकी हिजबुल मुजाहिदीन का सरगना सैयद सलाहुद्दीन अब तक पाकिस्तानी सेना और आइएसआइ के संरक्षण में मजे से रह रहा था। लेकिन अब उसे विरोध का सामना करना पड़ रहा है। चूंकि पाकिस्तान लंबे समय से वित्तीय कार्रवाई कार्य बल (एफएटीएफ) की निगरानी सूची में बना हुआ है, इसलिए उस पर सलाहुद्दीन के खिलाफ कार्रवाई के लिए दबाव बढ़ने लगा है।
सूत्रों के अनुसार, एफएटीएफ की बची हुई तीन कार्ययोजना का संबंध सलाहुद्दीन के खिलाफ आर्थिक प्रतिबंध और आतंकी फंडिंग की जांच से है। इसलिए पाकिस्तान सरकार उसे हिरासत में ले सकती है या उसके खिलाफ मुकदमा शुरू कर सकती है।
उल्लेखनीय है कि 2017 में अमेरिकी विदेश विभाग ने सैयद सलाहुद्दीन को वैश्विक आतंकी घोषित किया था। इसके तहत अमेरिका उन विदेशी नागरिकों पर प्रतिबंध लगा देता है, जो आतंकी गतिविधियों में शामिल रहते हैं या जिनसे अमेरिकी सुरक्षा को कोई खतरा होता है। वैश्विक स्तर पर आतंकी फंडिंग की निगरानी करने वाली संस्था एफएटीएफ ने पाकिस्तान को 27 सूत्री कार्य योजना का पालन करने को कहा था। लेकिन, एफएटीएफ के अनुसार पाकिस्तान इस पर कार्रवाई करने में नाकाम रहा है। इसलिए उसने गुरुवार को पाकिस्तान को अपनी निगरानी सूची में बरकरार रखा। एफएटीएफ ने पिछले साल अक्टूबर में इस साल फरवरी तक पाकिस्तान को सभी 27 बिंदुओं पर काम करने के लिए कहा था।