तेहरान, (हि.स.)। ईरान के शीर्ष सैन्य कमांडर ने देश के खिलाफ इज़राइल की आक्रामक कार्रवाई का विरोध करने में संयुक्त राष्ट्र और अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आईएईए) जैसे मंचाें पर रूस के दृढ़ रुख की प्रशंसा की है।
ईरान के सशस्त्र बलों के चीफ ऑफ स्टाफ मेजर जनरल अब्दुलरहीम मौसवी ने तेहरान में रूसी ऊर्जा मंत्री सर्गेई त्सिविलेव के साथ एक बैठक के दौरान यह टिप्पणी की। मौसवी ने कहा कि ईरान ने एक बार फिर दुनिया को दिखा दिया है कि वह कभी युद्ध की शुरुआत करने वाला नहीं रहा है।
उन्हाेंने ज़ोर दिया कि विवादों को सुलझाने के लिए कूटनीति ही सबसे बेहतर रास्ता है। “ईरान कूटनीति और बातचीत को समस्याओं का सबसे अच्छा समाधान मानता है। जनरल माैसवी ने याद दिलाया कि ईरान के दुश्मनों ने अक्सर बातचीत को धोखे के बहाने के रूप में इस्तेमाल किया है।
उन्होंने कहा कि दुश्मन ने बातचीत को विश्वासघात की आड़ में इस्तेमाल किया और ईरान के खिलाफ थोपा हुआ युद्ध शुरू कर दिया। मौसवी ने इस बात पर ज़ोर दिया कि इस तरह के कपट के बावजूद ईरान ने दिखा दिया है कि वह अपनी रक्षा करने में संकोच नहीं करेगा। उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि ईरान की सशस्त्र सेनाओं ने अमेरिका और इजराइली शासन को मज़बूत और करारा जवाब दिया।
गाैरतलब है कि 13 जून को इज़राइल ने ईरान के ख़िलाफ़ आक्रामक कार्रवाई की जिसके बाद दाेनाें देशाें के बीच 12 दिनों तक चले युद्ध में ईरान के वरिष्ठ सैन्य कमांडरों, परमाणु वैज्ञानिकों और नागरिकों सहित कम से कम 1,064 ईरानी मारे गए।
इस बीच सैन्य मुद्दों से परे मौसवी ने ईरान और रूस के बीच सहयोग के व्यापक अवसरों पर प्रकाश डाला। उन्होंने दोनों देशों की साझेदारी के लचीलेपन की ओर इशारा करते हुए कहा कि ईरान और रूस में पश्चिमी दबाव के बावजूद सहयोग विकसित करने की अपार क्षमताएं हैं।
रूसी ऊर्जा मंत्री त्सिविलेव ने माैसवी के विचाराें से सहमति जताते हुए ईरान के साथ आर्थिक तथा रक्षा संबंधों को गहरा करने की आवश्यकता पर बल दिया। इससे पहले त्सिविलेव ने ईरानी राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियन से भी मुलाकात की।
इस दौरान दाेनाें नेताओं ने ईरान और रूस जैसे स्वतंत्र देशों के बीच सहयोग पर बल देते हुए कहा कि वैश्विक मामलों में एकतरफा प्रभुत्व के युग को समाप्त करने के लिए दाेनाे देश आदर्श रूप में काम कर सकते हैं।
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