इस्लामाबाद। पाकिस्तान में इन दिनों भारी उथल पुथल मची हुयी है और यह अब बढ़ती हीं जा रही है। पाकिस्तान से रिपोर्ट आ रही है कि पाकिस्तानी खुफिया ऐजेंसी के एक्स चीफ लेफ्टिनेंट जनरल फैज और प्रधानमंत्री इमरान खान की मुश्किलें दिन ब दिन बढ़ती ही जा रही है,वजह सिर्फ इमरान खान की जिद बताई जा रही है और यह इमरान की जादू टोना वाली पत्नी की मंशा है। बताया जा रहा है कि इमरान खान हर हालत में लेफ्टिनेंट जनरल फैज के उनके ISI चीफ के पद पर बने रहने देना चाहते हैं जबकि पाक आर्मी प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा ने अपना रूख साफ कर दिया है कि हर हालत में फैज को ISI के पद से हटना होगा। अभी तक तो यह मामला विभागिय स्तर पर ही निस्तारित करने की कोशिश की गई लेकिन बात नही बनी और अब पाकिस्तान के विपक्षी राजनैतिक दलों ने इसे तूल पकड़ा दिया है और इस विषय को गंभीर राजनैतिक मुद्दा बना दिया गया है, खबर है कि पाकिस्तान के प्रमुख विपक्षी दलों ने लेफ्टिनेंट जनरल फैज से इस्तीफा मांग लिया है और इस पर कैंपेंन भी शुरू कर दिया गया है। इन राजनैतिक दलों द्वारा जगह जगह रैलियां भी आयोजित की गई है और सड़कों पर हमीद इस्तीफा दो के नारे भी लगाये जा रहे है।
एक अन्य जानकारी के अनुसार पाकिस्तान में चर्चा आम है कि एक्स ISI चीफ फैज इमरान खान के राजनैतिक गाडफादर है और अगर फैज अपने पद पर दोबारा कायम होते हैं तो फैज पाकिस्तान में एक मजबूत शख़्सीयत के रूप में उभरेंगें।
और रिपोर्ट कहती है कि पाक आर्मी चीफ जनरल बाजवा और लेफ्टिनेंट जनरल फैज हामिद के बीच इतना ज्यादा मतभेद हो गया है कि जल्द यदि इस विवाद का पटाक्षेप नहीं किया गया तो पाकिस्तान में सिविल वार की नौबत आ सकती है। क्योंकि यह विवाद बंद कमरों की पहुंच से बाहर जा चुका है और इस मुद्दे का जबरदस्त राजनीति करण हो चुका है जो कि कोई बड़ा निर्णय हो सकता है।
आईएसपीआर के मुताबिक, जनरल कमर जावेद बाजवा ने इस महीने की शुरुआत में शीर्ष सैन्य पदानुक्रम में फेरबदल करते हुए ISI के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल हमीद को पेशावर कोर कमांडर के पद पर स्थानांतरित कर दिया और कराची कोर कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल नदीम अहमद अंजुम को ISI का नया महानिदेशक नियुक्त किया है लेकिन नियमानुसार जबतक देश का प्रधानमंत्री इस तबादला पत्र पर हस्ताक्षर नही करता, तबादला आदेश आधा अधूरा है।