एक्सक्लूसिव रिपोर्ट

इंडियन एयरफोर्स के वें “आपरेशन” जिसको जानना बेहद जरूरी है – रविशंकर मिश्र (एडिटर आपरेशन)

भारतीय वायु सेना ने न सिर्फ युद्ध में दुश्मनों को धूल चटाने में अहम भूमिका निभाई बल्कि जब कभी देश या देश से बाहर प्राकृतिक आपदाओं के कारण इंसानों पर तबाही आई तो भारतीय वायु सेना मदद में हमेशा आगे रही है। आइए इस मौके पर भारतीय वायु सेना के अहम ऑपरेशनों के बारे में जानते हैं…
पाकिस्तान के साथ 1947 का युद्ध
भारतीय वायु सेना की पहली परीक्षा आजादी के कुछ महीनों के अंदर हुई। कश्मीर के मामले को लेकर भारत और पाकिस्तान में युद्ध छिड़ गया था। यह ऑपरेशन इसलिए अनोखा था क्योंकि पहली बार भारतीय वायु सेना को पूरी तरह युद्ध में तैनात किया गया था। इस पहले ही युद्ध में भारत ने पाकिस्तान को हरा दिया था।
पुर्तगालियों से गोवा को मुक्त कराया
दिसंबर 1961 में भारतीय वायु सेना की मदद से गोवा, दमन और दिउ में 450 साल के पुर्तगाली शासन को उखाड़ फेंकने में मदद मिली। भारत की तीनों सेना ने इसमें अहम भूमिका निभाई थी। भारतीय वायु सेना ने डाबोलिम एयरफील्ड (गोवा इंटरनैशनल एयरपोर्ट) के रनवे पर बमबारी की और पुर्तगाली सेना को कमजोर किया। इस ऑपरेशन का नाम ऑपरेशन विजय था।
पाकिस्तान के साथ 1965 का युद्ध
भारत और पाकिस्तान के बीच हवा में यह पहला युद्ध था। दूसरे विश्व युद्ध के बाद यही ऑपरेशन था जिसमें वायु सेना ने बड़ी भूमिका निभाई थी। हालांकि तकनीकी रूप से पाकिस्तानी वायु सेना मजबूत थी लेकिन भारतीय वायु सेना ने उसको मात देने में सफलता पाई।
पाकिस्तान से 1971 का युद्ध
भारतीय वायु सेना ने पाकिस्तान के साथ 1971 के युद्ध में अहम भूमिका निभाई थी। इस युद्ध ने मिग-21 की हवा से हवा में मार करने की असल क्षमता को साबित किया था। पाकिस्तानी वायु सेना के 94 विमानों को मार गिराया था। भारतीय वायु सेना ने भारतीय थल सेना और भारतीय नौसेना को बड़े पैमाने पर हवाई सहयोग किया था। बाकी इस युद्ध का नतीजा सबको मालूम है।
1984 Operation Meghdoot
दुनिया के सबसे ऊंचे युद्ध के मैदान सियाचिन ग्लेशियर पर कब्जा करने के भारतीय सेना के ऑपरेशन का कोड नाम ऑपरेशन मेघदूत था। भारतीय सैनिकों ने ग्लेशियर के दो तिहाई हिस्से पर कब्जा कर लिया। उसमें भारतीय वायु सेना की अहम भूमिका रही थी।
करगिल युद्ध
सैन्य विमानन के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ था जब भारतीय वायु सेना ने 32,000 फीट की ऊंचाई पर अपना पराक्रम दिखाया था। 26 मई, 1999 को चलाए गए इस ऑपरेशन का नाम ऑपरेशन सफेद सागर था। भारतीय वायु सेना के मिराज 2000 विमान ने पाकिस्तानी घुसपैठियों पर सर्जिकल स्टाइक की। इससे जमीनी फौजों को पाकिस्तानी घुसपैठियों को खदेड़ने और सामरिक रूप से अहम टाइगर हिल पर कब्जा करने में मदद मिली। 11 जुलाई, 1999 को सभी सैन्य उद्देश्य पूरे होने के साथ यह ऑपरेशन समाप्त हुआ।
2004 की सूनामी
हिंद महासागर से उठी सूनामी ने भारत समेत 14 देशों में तबाही मचाई थी। लेकिन भारतीय वायु सेना ने जिस तेजी का प्रदर्शन किया था, वह काफी प्रशंसनीय था। सुमात्रा, इंडोनेशिया के पश्चिमी तट से विनाशकारी सूनामी के टकराने के सिर्फ एक घंटे के अंदर भारतीय वायु सेना भारत के पूर्वी तट पर पहुंच गई थी। भारतीय वायु सेना ने वहां राहत ऑपरेशनों के साथ-साथ तलाश और बचाव में मदद की।
2005 Kashmir Earthquake
8 अक्टूबर, 2005 को पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में मुजफ्फराबाद के करीब 7.6 तीव्रता का भूकंप आया था। भारतीय वायु सेना ने दवा, कंबल और खाने के पैकेट्स समेत राहत सामग्री पहुंचाई।
नरगिस चक्रवात
नरगिस चक्रवात ने जब 2008 में तबाही मचाई तो भारतीय वायु सेना वहां के लोगों को राहत मुहैया कराने के लिए ऑपरेशन चलाए। भारतीय वायु सेना ने करीब 100 टन से ज्यादा राहत सामग्री पहुंचाई और बड़ी संख्या में लोगों को बचाया।
2013 उत्तराखंड बाढ़
2013 में जब उत्तराखंड में बाढ़ के रूप में तबाही आई थी तो भारतीय वायु सेना ने अहम भूमिका निभाई थी। पीड़ितों को राहत पहुंचाने और उनको बचाने के लिए भारतीय वायु सेना ने ऑपरेशन राहत चलाया था। आपरेशन राहत दुनिया में सबसे बड़ा सिविलियन रेस्क्यू ऑपरेशन था। इसमें करीब 20,000 लोगों को एयरलिफ्ट किया गया। इस मौके पर भारतीय वायु सेना ने बड़ी संख्या में लोगों को खाना और दवा मुहैया कराकर अहम भूमिका अदा की थी।

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