एक्सक्लूसिव रिपोर्ट

जापान ने JAAXA में मिलीट्री सायबर अटैक में सीधे-सीधे चीन को दोषी ठहराया,दुनिया में हड़कंप -हेमंत सिंह (स्पेशल एडिटर)

जापान पुलिस प्रमुख मित्सुहिरो मात्सुमोतो ने आधिकारिक तौर पर चीन को देश पर साइबर हमले के लिए जिम्मेदार ठहराया है। राष्ट्रीय पुलिस एजेंसी की इस दावे के बाद विदेशी सरकारों और मीडिया संगठनों से पूछताछ और जांच का दायरा बढ़ गया है। जापान के चीनी सैन्य साइबर हमले के आरोपों से वैश्विक साइबर सुरक्षा समुदाय में हड़कंप मच गया है। वैश्विक साइबर सुरक्षा समुदाय चीन पर जापान के आरोपों को गंभीरता से ले रहा है।
निक्केई एशिया की रिपोर्ट के अनुसार, टोक्यो मेट्रोपॉलिटन पुलिस विभाग ने 20 अप्रैल को एक चीनी सिस्टम (सॉफ्टवेयर) इंजीनियर के खिलाफ मामला दर्ज किया था, जिस पर कथित तौर पर जापान एयरोस्पेस एक्सप्लोरेशन एजेंसी (जेएएक्सए) और 2016-2017 में 200 अन्य जापानी कंपनियों और शोध संस्थानों को लक्षित कर साइबर हमले का आरोप है।
वह चीनी कम्युनिष्ट पार्टी (सीसीपी) का सदस्य भी है। टोक्यो पुलिस का कहना है कि संदिग्ध आरोपी ने जेएएक्सए पर साइबर हमले के लिए देश में एक वेब सर्वर को पंजीकृत करने के लिए एक नकली आईडी का इस्तेमाल किया। इससे पता चलता है कि इस साजिश में चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) भी साइबर घुसपैठ में शामिल थी। संदिग्ध अब जापान भाग गया है।
पुलिस ने सबसे पहले संदिग्ध सर्वर का पता लगाया और उसके बाद उसकी निगरानी शुरू की। निगरानी के दौरान जेएएक्सए के खिलाफ साइबर हमले का पर्दाफाश हुआ। जांच के दौरान यह पाया गया कि हमलावर अंतरिक्ष एजेंसी द्वारा उपयोग किए जाने वाले सुरक्षा सॉफ्टवेयर में सेंध लगाने और उसका फायदा उठाने की कोशिश कर रहा था। पुलिस ने साइबर हमलों का सामना करने वाली कंपनियों को रक्षात्मक उपाय करने की सलाह दी गई है।
23 अप्रैल को पुलिस एजेंसी के आयुक्त-जनरल मात्सुमोतो ने कहा कि इस बात की अत्यधिक संभावना है कि पीएलए की यूनिट 61419 शेडोंग प्रांत के चीनी शहर किंगदाओ से संचालित एक रणनीतिक सहायता इकाई साइबर जासूसी में शामिल थी। दूसरी ओर, बीजिंग ने जापान द्वारा लगाए गए आरोपों का जोरदार खंडन किया है, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने कहा, ‘चीन किसी भी देश या संस्था (चीन पर कीचड़ उछालने के लिए साइबर हमले) स्रह्य आरोपों का कड़ा विरोध करता है।ऽ वांग की टिप्पणियों के जवाब में, मात्सुमोतो ने कहा कि उनकी एजेंसी के पास सबूत हैं, जिसमें संदिग्धों और अन्य पक्षों की गवाही शामिल है। निक्केई एशिया की सूचना के अनुसार ये टिप्पणियां चीन और टोक्यो के बीच युद्ध का संकेत देती है।

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