इन्वेस्टिगेटिव रिपोर्ट

बांग्लादेश में बड़ा टेरर सिंडीकेट सेट अप करना चाह रहा है लशकरे-तोयबा, मदद में पाकिस्तान का नाम आ रहा है -चंद्रकांत मिश्र (एडिटर इन चीफ)

ढाका। आतंकवादियों ने बांग्लादेश को अपना अगला बेस बनाने की कोशिशें शुरू कर दी हैं। हिंसाग्रस्त अफगानिस्तान के साथ ही तालिबान व अन्य आतंकी संगठनों का अगला निशाना अब बांग्लादेश है। बांग्लादेश में पकड़े गए हिफाजत उग्रवादियों ने पुलिस को बताया कि तालिबान बांग्लादेश को तालिबान स्टेट बनाना चाहता है। हिफाजत पाकिस्तान की शरण में पल रहे कुख्यात लश्कर ए तैयबा से सीधा संबंध रखता है। बांग्लादेश में सक्रिय आतंकवादियों की फंडिंग भी पाकिस्तान से ही हो रही है।
अफगानिस्तान से अमेरिका और नाटो देश की सेनाओं की वापसी 11 सितंबर तक हो जाएगी। 1 मई से सेना वापसी की प्रक्रिया शुरू हो गई है। इस बीच तालिबान पूरी तरह बेनकाब हो गया है और यह भी पुख्ता जानकारी मिल गई है कि उसका संबंध निरंतर अलकायदा से बना हुआ है। अलकायदा ने हाल ही में घोषणा कर दी है कि वह विदेशी सेना की वापसी के बाद फिर अफगानिस्तान में लौटेगा। अफगानिस्तान के साथ ही ये आतंकी अब बांग्लादेश में भी सक्रिय हो गए हैं। इनकी योजना लंबी है। पाक इन आतंकवादियों के जरिए बांग्लादेश की आजादी का बदला लेना चाहता है।
बांग्लादेश में पकड़े जा रहे आतंकवादियों से ये नई जानकारी सामने आ रही हैं। बांग्लादेश में ढाका के जॉइंट कमिश्नर महबूबुर रहमान ने बुधवार को बताया कि कट्टरपंथी संगठन हिफाजत के पकड़े गए सदस्यों ने बताया है कि तालिबान अन्य आतंकी संगठनों के साथ मिलकर बांग्लादेश को अफगानिस्तान की तरह ही तालिबान स्टेट बनाना चाहता है। पकड़े गए उग्रवादियों ने पुलिस बताया कि जमात ए इस्लाम और हिफाजत के नेता सीधे लश्कर ए तैयबा से जुड़े हुए हैं। पुलिस को ऐसी ही जानकारियां अन्य उग्रवादी संगठनों के पकड़े गए सदस्यों से मिली हैं। पुलिस अधिकारी के अनुसार इन सभी आतंकी संगठनों को पाकिस्तान में बैठे कुख्यात आतंकी संगठनों से फंिडंग भी अफगानिस्तान बनाने की योजना बनाए हुए हैं।

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