बिगड़ते अंतरराष्ट्रीय संबंधों के बीच अमरीकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप ने उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग-उन को ‘आत्मघाती सफ़र पर निकला रॉकेट मैन’ बताया. मिसाइल, रक्षा प्रणाली, लड़ाकू विमान और अन्य गुप्त हथियार राजनीतिक परिचर्चाओं में प्रमुख भूमिका निभाते रहे हैं. हाल ही में युद्ध व्यापार से जुड़ी एक बड़ी कंपनी नॉर्थरोप ग्रुमैन कॉरपोरेशन ने ऑरबिटल एटीके मिसाइल को 7.8 अरब डॉलर में खरीदने की घोषणा की. इसके अलावा विमानन उद्योग में भी एक बड़ा सौदा हुआ. यूनाइटेड टेक्नॉलॉजी ने 30 अरब डॉलर में विमानन उद्योग के लिए मशीनरी बनाने वाली कंपनी रॉकवेल कॉलिन्स को खरीद लिया. रक्षा के क्षेत्र में लॉकहीड मार्टिन, बोइंग, बीएई सिस्टम्स, रेथियॉन और नॉर्थरोप ग्रुमैन दुनिया की पांच बड़ी कंपनियां हैं. कंपनियों की खुद की सेल्स रिपोर्ट और दुनिया भर में सबसे ज़्यादा हथियार बेचने वाली कंपनियों की लिस्ट जारी करने वाली स्टॉकहोम इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट फ़ॉर पीस रिसर्च के अनुसार फिलहाल रक्षा क्षेत्र की सबसे बड़ी कंपनियां ये हैं.
1. लॉकहीड मार्टिन
यह अमरीकी कंपनी है. हवाई जहाज, मिसाइल, हेलीकॉप्टर, रडार और अंतरिक्ष तकनीक का व्यापार करती है. ये सैनिक हथियारों के निर्माण की सबसे बड़े अमरीकी ठेकेदार कंपनी है. इसका व्यापार 47 अरब रुपये का है. कंपनी थाड मिसाइल डिफ़ेंस सिस्टम के लिए जानी जाती है.
कंपनी ने सी-130 हरकुलिस, एफ़-22 रैप्टर और एफ़-35 लाइटनिंग-2 का निर्माण किया है. लाइटनिंग-2 के पास दुश्मन के रडार से छुपे रहने की क्षमता है. हालांकि एफ़-35 की काफ़ी महंगे होने पर आलोचना होती रही है.
वास्तव में, अमरीकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप ने इस साल कहा था कि एफ़-35 के विकास कार्यक्रम में कुछ दिक्कते हैं क्योंकि ये पिछले 15 सालों से चल रहा पेंटागन का सबसे महंगा (400 मिलियन डॉलर का) कार्यक्रम है. बाद में ट्रंप ने घोषणा किया कि उन्होंने लॉकहीड मार्टिन से मुक़ाबला करने के लिए बोइंग को बुलाया है.
2. बोइंग
यह भी अमरीकी कंपनी है. यह मानव सहित और मानव रहित लड़ाकू विमान, सैटेलाइम सिस्टम, स्पेस टेक्नॉलॉजी, मिसाइल और रक्षा, ख़ुफ़िया और सुरक्षा प्रणाली बेचती है.
इसकी कीमत 30 अरब रुपये की है. दुनियाभर में इसके 50 हज़ार कर्मचारी हैं. स्पेस लॉन्च सिस्टम रॉकेट कंपनी का तैयार किया हुआ है, युद्ध विमानों में एफ ए-19 सुपर हॉर्नेट, ईए-18जी ग्रोवलर, एफ-15 इगल, एच-47 चीनूक आदि का निर्माण किया है. इंटरनैशनल स्पेस सेंटर को तकनीक देने वाली यह सबसे बड़ी कंपनी भी है.
3. बीएई सिस्टम्स
यह ब्रितानी कंपनी है. यह कमर्शियल और सैन्य विमान बनाती है. अमरीका में भी इसकी सहायक कंपनियां है. यूरोपियन टायफ़ून, एफ़-35, एफ़-35बी, हॉक, हैरियर, टोरनाडो जीआर4, टैरेंस आदि इसके सबसे दमदार उत्पाद हैं. यह कंपनी टैंक, पनडुब्बी और उन्नत हथियारों के भी निर्माण करती है.
4. रेथियॉन
यह अमरीकी कंपनी है. इसने 24 अरब की सैन्य सामग्री बेची है. यह ख़ुफ़िया और सुरक्षा प्रणाली से जुड़ी तक़नीक बेचती है. यह अमरीका के सबसे बड़े सैन्य ठेकेदारों में से एक है. इसकी कमाई का 90 फीसदी हिस्सा सैन्य करार से आता है. रेथियॉन गाइडेड मिसाइल बनाने वाली दुनिया की सबसे बड़ी कंपनी है. यह कम्यूनिकेशन सिस्टम, टारगेट सिस्टम, रडार प्रणाली के साथ ही थल और जल सेना के सैन्य उपकरणों के निर्माण करती है.
5. नॉर्थरोप ग्रुमैन
एरोस्पेस और सैन्य हथियार बनाने वाली इस कंपनी का बिज़नेस 1593 अरब रुपये का है. फ़िलहाल इसके तीन विभाग हैं. एयरोस्पेस सिस्टम, अंतरिक्ष मिशन सिस्टम, साइबरस्पेस और अंडरवाटर टेक्नोलॉज़ी सर्विस. यह भी दुनिया के बड़े देशों को सैन्य हथियार देती है.