रुस के राष्ट्रपति पुतिन रूसी सैन्य अधिकारियों के साथ (फाईल फोटो)
कीव/वाशिंग्टन। रूस और यूक्रेन के बीच जारी तनाव के दौरान अब अमेरिका के NSA जैक सुलिवन ने पोलैंड के सुरक्षा ब्यूरो के चीफ पॉवेल सोलोच व अंतरराष्ट्रीय पॉलिसी ब्यूरो के प्रमुख जैकब कुमोच से बात करने की रिपोर्ट सामने आई है,जिसमें कहा जा रहा है कि तीनों अधिकारियों के बीच यूक्रेन की सीमा पर रूसी फौज की गतिविधियों पर विचारों का आदान-प्रदान किया गया,वहीं उसे रोकने के लिए अमेरिका की तरफ से सभी मित्र देशों को एक होने के साथ-साथ सतर्क एवं पूरी तरह से तैयार रहने के लिए कहा गया है।
बता दें कि रूस और यूक्रेन के बीच गहराते संकट के दौरान पिछले दिनों अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने रूस को चेतावनी दी थी,इस दौरान ब्लिंकन की तरफ से साफ किया गया था कि नाटो,यूरोपीय संघ और जी-7 देश यह स्पष्ट करते हैं कि अगर रूस,यूक्रेन के खिलाफ सैन्य या अन्य आक्रामक कार्रवाई करता है तो इसके परिणाम व्यापक होंगे।
जहां एंटनी ब्लिंकन के बयान सामने आने पर रूस ने कड़ी प्रतिक्रिया दी थी। इस दौरान रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की तरफ से कहा गया था कि उनके देश में यूक्रेन को लेकर अमेरिका के साथ गतिरोध में पीछे हटने की कोई जगह नहीं है,इसी कड़ी में पुतिन ने आगे भी कहा कि जब तक यूक्रेन पश्चिम में अपनी “आक्रामक रेखा” नहीं छोड़ता, तब तक उन्हें कड़ी प्रतिक्रिया के लिए मजबूर होना पड़ेगा, पुतिन ने आगे यह भी साफ किया कि यूक्रेन में अमेरिका जो कर रहा है वह हमारे दरवाजे पर है और उन्हें समझना चाहिए कि हमारे पास पीछे हटने के लिए कोई जगह नहीं है। क्या उन्हें लगता है कि हम बेपरवाह होकर ये सब देखते रहेंगे?
गौरतलब है कि रूस को यह कड़ी आपत्ति है कि यूक्रेन किसी भी स्थिति में नाटों एलाएंस का सदस्य ना बने, जिस वजह से रूसी फौज करीब महिनों से यूक्रेन बार्डर पर जमा होकर ड्रिल पर है, अब ऐसे में यूक्रेन के साथ-साथ पूरा यूरोपीय संघ और अमेरिका इस बात को लेकर आशंकित है कि कही रूस, यूक्रेन पर हमला न कर दे,अब ऐसे में नाटों फोर्स ब्लैक सी में मौजूद होकर ड्रिल कर रही है, तो वहीं अमेरिका समेत यूरोपीय संघ की खुफिया ऐजेंसियां भी पूरी सतर्कता के साथ रूस के सभी हरकतों पर पैनी नजर बनायी हुई है, जहां इसी कड़ी में बीते सप्ताह में इन खुफिया ऐजेंसियों की तरफ से यह भी दावा किया गया था कि आगामी जनवरी के अंतिम सप्ताह में रूस,यूक्रेन पर हमला करने की तैयारी कर रहा है,जिस वजह से अमेरिका बार-बार भावी युद्ध को टालने की कोशिश में,जहां इस दौरान दोनों पक्षों में कई बार डिप्लोमेसी के साथ-साथ उच्चस्तरीय वार्ताएं भी हुई,लेकिन इस दौरान दोनों तरफ से तनाव बढ़ाने वाले बयान भी सामने आये, जिसमें परमाणु हमले तक भी बाते की गई, फिलहाल मामला अभी भी गर्म है, अब देखा जायेगा कि होता क्या है ?