स्पेशल रिपोर्ट

म्यांमार सैन्य शासन के विरूद्ध लगे प्रतिबंधों से भढ़का रुस,जताया गृहयुद्ध की आशंका -सतीश उपाध्याय (सीनियर एडिटर)

मॉस्को
रूस ने दुनिया को आगाह करत हुए कहा है कि उन्हें म्यांमार की सेना के खिलाफ प्रतिबंधों से बचना चाहिए। रूस ने चेतावनी देते हुए कहा कि म्यांमार में जुंटा के खिलाफ अगर दंडात्मक उपायों को लागू किया गया तो इससे देश में बड़े पैमाने पर गृहयुद्ध छिड़ सकता है। बता दें कि अमेरिका और यूरोपीय देशों ने म्यांमार के सैन्य शासन के खिलाफ कई बड़े प्रतिबंध लगाए हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने तो साफ शब्दों में चेतावनी देते हुए कहा है कि अभी हम और कड़े प्रतिबंधों का ऐलान करने वाले हैं।

धमकाने और प्रतिबंधों से बिगड़ेगी स्थिति
न्यूज एजेंसी इंटरफेक्स ने रूसी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता के हवाले से कहा कि म्यांमार के मौजूदा अधिकारियों पर प्रतिबंधों के साथ धमकियों और दबाव के इस्तेमाल का कोई भविष्य नहीं है। यह म्यांमार के लिए खुद में बहुत ही खतरनाक बात है। प्रवक्ता ने म्यांमार के पुराने नाम का उल्लेख करते हुए कहा कि इस तरह की नीतियां बर्मा को पूर्ण विकसित नागरिक संघर्ष की ओर धकेलती हैं।

अबतक 550 से भी ज्यादा लोगों की मौत
पिछले साल फरवरी में म्यांमार में हुए सैन्य तख्तापलट के बाद से ही विरोध प्रदर्शनों का दौर जारी है। अभी तक सेना और प्रदर्शनकारियों के बीच हुई झड़पों में 550 से भी अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। बताया जा रहा है कि पुलिस की बर्बर कार्रवाई से कई हजार लोगों को चोट भी पहुंची है। एक स्थानीय निगरानी समूह के अनुसार, तख्तापलट विरोधी अशांति में 550 से अधिक लोग मारे गए हैं।

मरने वालों में 46 बच्चे शामिल
मानवाधिकार संगठन ‘असिस्टेंस असोसिएशन फॉर पॉलिटिकल प्रिजनर्स’ ने शनिवार को बताया कि मृतकों में 46 बच्चे हैं। करीब 2,751 लोगों को हिरासत में लिया गया या सजा दी गई। म्यांमार में जानलेवा हिंसा और प्रदर्शनकारियों की गिरफ्तारी की धमकियां सेना को सत्ता छोड़ने और लोकतांत्रिक रूप से निर्वाचित सरकार को फिर से बहाल करने की मांग कर रहे प्रदर्शनों को दबाने में नाकाम रही हैं।

बाइडन ने म्यांमार सेना की फिर निंदा की
जो बाइडन ने म्यांमार में सुरक्षा बलों द्वारा तख्तापलट के खिलाफ प्रदर्शन में शामिल नागरिकों की हत्या पर कड़ी नाराजगी जाहिर की है। बाइडन ने रविवार को कहा, ‘यह भयावह है। यह पूरी तरह क्रूरता है। और मुझे जो खबर मिली है उसके मुताबिक काफी संख्या में लोगों को बेवजह मारा गया है।’ उन्होंने कहा, ‘बर्मी सेना ने देश के राष्ट्रीय सशस्त्र बल दिवस पर बेतुका और बर्बर रुख अपनाया और सैकड़ों लोगों की जान ले ली। यह जुंटा द्वारा अवैध सैन्य तख्ता पलट के बाद सबसे रक्तरंजित दिन था।’

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