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रूस ने यूक्रेन के ऊर्जा ठिकानों को बनाया निशाना

कीव,  (हि.स.)। रूस ने ड्रोन और मिसाइलों से गुरुवार देर रात हमला करके यूक्रेन के ऊर्जा संबधी बुनियादी ढांचे को निशाना बनाया। यूक्रेनी अधिकारियों ने इसे हाल के महीनों का सबसे बड़ा हमला करार दिया जिसने देश में सर्दियों में व्यापक बिजली कटौती की आशंकाओं को बढ़ा दिया है।

यूक्रेन के ऊर्जा मंत्रालय ने बताया कि हमले पूर्वी खार्किव क्षेत्र और मध्य पोल्टावा क्षेत्र के ऊर्जा संस्थानाें पर केंद्रित थे जहां देश की प्रमुख गैस उत्पादन सुविधाएं स्थित हैं। नुकसान के पूर्ण विवरण अभी सामने नहीं आए हैं लेकिन सुरक्षा मूल्यांकन अभी जारी है। शीर्ष निजी ऊर्जा प्रदाता कपंनी डीटीईके ने पोल्टावा में कई गैस सुविधाओं पर कार्य निलंबित करने की घोषणा की है।

यूक्रेन के ऊर्जा मंत्री जर्मन गैलुशचेंको के मुताबिक मरम्मत दल ऊर्जा प्रणाली पर नकारात्मक प्रभावों को कम करने के लिए तत्काल काम कर रहे हैं लेकिन उन्होंने गैस आपूर्ति में संभावित बाधा आने की चेतावनी भी दी। उन्हाेंने स्पष्ट किया कि हमलों में किसी के हताहत हाेने की खबर नहीं है। यूक्रेन ने ऐसे और हमले हाेने की आशंका से अपना गैस आयात बढ़ा दिया है और उसका लक्ष्य मध्य अक्टूबर तक 13.2 बिलियन क्यूबिक मीटर गैस का भंडारण करना है ताकि घरेलू कमी को पूरा किया जा सके।

यूक्रेनी वायु सेना के अनुसार इस हमले में मुख्य रूप से ईरान निर्मित शाहेद मॉडल वाले 381 हमलावर ड्रोन और 35 मिसाइलें शामिल थीं। मिसाइलाें में सात इस्कंदर-एम/केएन-23 बैलिस्टिक मिसाइलें और 21 इस्कंदर-के क्रूज मिसाइलें शामिल थीं। वायु सेना के एक बयान के मुताबिक उसकी वायु रक्षा प्रणाली ने पहले चरण में रूस के 49 में से 44 ड्रोन नष्ट किए और कई मिसाइलें मार गिराई गईं। उधर उसके पड़ोसी पोलैंड ने अपनी वायु सीमाओं के पास हवाई लड़ाकू जेट तैनात करने की सूचना दी।

गाैरतलब है कि यह हमला रूस के उन नए प्रयासों से जाेड़कर देखा जा रहा है जिसमें वह यूक्रेन के बिजली ग्रिड को पूरी तरह से नष्ट करने के लिए प्रयासरत है।

राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने इन हमलों की निंदा करते हुए कहा कि यह सर्दियों से पहले जनता को आतंकित करने की कोशिश है। उन्होंने एक बयान में कहा, “रूस का लक्ष्य स्पष्ट है- यूक्रेनियनों को ठंड और अंधेरे में छोड़ना, लेकिन हम उन्हें सफल नहीं होने देंगे।”

उधर रूस के रक्षा मंत्रालय ने दावा किया है कि हमले यूक्रेन के सैन्य-औद्योगिक परिसर से जुड़े थे। उसने इस “बड़े पैमाने” पर किए गए ऑपरेशन को यूक्रेन द्वारा उसके खिलाफ पश्चिमी देशाें की आपूर्ति वाले हथियारों के उपयोग के जवाब में उचित ठहराया।

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