मास्को
अमेरिका और नाटो के अन्य सदस्य देशों के साथ तनाव के बीच रूस ने एक महाविनाशक अंडरवाटर ड्रोन बनाया है। यह ड्रोन विमान परंपरागत और परमाणु दोनों ही तरह के हथियारों को ले जाने में सक्षम है। पानी के अंदर चलने वाला यह पोसाइडन ड्रोन विमान इतना शक्तिशाली है कि एयरक्राफ्ट कैरियर ग्रुप, तटीय इलाके में मोर्चेबंदी और आधारभूत ढांचे तक को तबाह करने में सक्षम है। रूस जल्द ही इस ड्रोन विमान का परीक्षण करने जा रहा है।
रूसी मीडिया के मुताबिक पोसाइडन ड्रोन विमान के पानी के अंदर से दागे का जाने की तैयारी चल रही है। इस ड्रोन विमान को परमाणु ऊर्जा से चलने वाली रूसी प्रॉजेक्ट 09852 सबमरीन बेलगोरोड से छोड़ा जाएगा। अमेरिकी पत्रिका नैशनल इंस्टरेस्ट ने इस ड्रोन को महाविनाश का हथियार बताया है। बताया जा रहा है कि बेलगोरोड सबमरीन पर सबसे पहले इस ड्रोन को तैनात किया जाएगा।
रूस के परमाणु बॉम्बर Tu-22M3 से दागी ‘विध्वंसक’ Kh-32 मिसाइल, निशाने पर होंगे अमेरिकी युद्धपोत
रूस अपने घातक टीयू-22एम3 परमाणु बॉम्बर में एक्स-32 मिसाइल को मुख्य हथियार के रूप में तैनात करने की योजना पर काम कर रहा है। रूस ने दावा किया है कि फायरिंग के दौरान इस मिसाइल ने अपने सभी लक्ष्यों को पूरा किया है। एक्स-32 को मुख्य रूप से विमानवाहक जहाजों यानी एयरक्राफ्ट कैरियर को खत्म करने के लिए विकसित किया गया है, क्योंकि युद्धपोतों के एयर डिफेंस सिस्टम इस मिसाइल को पकड़ नहीं सकते हैं।
एक्स-32 मिसाइल को रूस लगातार अपग्रेड भी कर रहा है। हाल में ही जिस मिसाइल का परीक्षण किया गया है, उसमें अधिक ताकत देने वाला अपग्रेड लिक्विड प्रोपलेंट रॉकेट इंजन लगा हुआ है। मिसाइल में ऑनबोर्ड डिजिटल कंप्यूटर कांप्लेक्स, डिजिटल इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, एंटी जैमिंग एक्टिव-पैसिव रडार स्टेशन के अलावा खुद की इलेक्ट्रॉनिक युद्ध प्रणाली भी लगी हुआ है। यह मिसाइल हाइपरसोनिक स्पीड के बेहद करीब उड़ान भरने में सक्षम है, ऐसे में मिसाइल डिफेंस सिस्टम के लिए इसे मार गिराना बेहद मुश्किल होगा।
टीयू-22एम3 को सोवियत संघ के जमाने के टीयू-22एम से विकसित किया गया है। जो सुपरसोनिक स्पीड से 5100 किलोमीटर की दूरी तक हमला करने में सक्षम है। परमाणु हमला करने में सक्षम इस घातक बमवर्षक विमान की अधिकतम रफ्तार 2300 किलोमीटर प्रति घंटा है। 40 मीटर लंबा और 34 मीटर चौड़ा यह बॉम्बर टर्बोजेट इंजन की मदद से उड़ान भरता है। हाल में ही टीयू-22एम3 के दो प्रोटोटॉइप को बनाया गया है, जिसका अभी फ्लाइट ट्रायल किया जा रहा है।
अमेरिका को भी इस घातक बॉम्बर से डर लगता है। क्योंकि, यह बॉम्बर रडार की पकड़ से बचने के लिए काफी नीचे उड़ान भरने में सक्षम है। अमेरिका के नेतृत्व वाले सैन्य संगठ नाटो ने इसे बैकफायर-सी ( Backfire-C) का नाम दिया है। इसमें हवा में ईंधन भरने के लिए एरियल रिफ्यूलिंग नोज को भी लगाया गया है। जो इसकी रेंज को और अधिक बढ़ा देता है। रूस ने अपने इस जहाज को सीरिया के जंग के मैदान में टेस्ट भी किया है। जहां इसने अपनी भीषण बमबारी से कई आतंकी ठिकानों को बर्बाद कर दिया था।
यूएस नेवी के एयरक्राफ्ट कैरियर दुनियाभर में अमेरिकी नौसैनिक ताकत के प्रतीक माने जाते हैं। इसी की मदद से अमेरिका अपनी जमीन से हजारों किलोमीटर दूर सैन्य अभियानों को आसानी से संचालित करता है। ऐसे में अगर इन एयरक्राफ्ट कैरियर्स को बर्बाद करने वाली कोई मिसाइल रूस के पास आ जाती है तो यह अमेरिका के लिए चिंता की वजह बन सकती है। अमेरिका के नए राष्ट्रपति जो बाइडन भी रूस को लेकर पहले ही तल्ख रूख दिखा चुके हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि आने वाले भविष्य में दोनों देशों के बीच तनाव और बढ़ सकता है।
रूसी सेना 30 पोसाइडेन ड्रोन हासिल करने जा रही
रूसी मीडिया ने बताया कि रूसी रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगू ने समुद्री परीक्षण के सफल होने की घोषणा की है। यह परीक्षण डीजल से चलने वाली सबमरीन से किया गया था। शिप बिल्डिंग कपनी सेवमाश ने बताया था कि इस ड्रोन का परीक्षण जनवरी 2021 के शुरुआती दिनों में किया गया है। रूसी सेना वर्ष 2027 तक ऐसे 30 पोसाइडेन ड्रोन हासिल करने जा रही है।
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने वर्ष 2018 में इस ड्रोन विमान का उद्धाटन किया था। पुतिन ने दावा किया था कि यह अमेरिका या उसके सहयोगी देशों के हमले की सूरत में रूस के जवाबी कार्रवाई को सुनिश्चित करेगा। पुतिन ने कहा था कि यह अंडरवाटर ड्रोन बहुत गहराई से जाने में सक्षम हैं और यह एक महाद्वीप से दूसरे महाद्वीप के बीच हमला कर सकता है। इस ड्रोन की स्पीड ज्यादातर सबमरीन और आधुनिक तारपीडो से कई गुना ज्यादा है।