रुस का S-400 डिफेंस सिस्टम (फाईल फोटो)
वाशिंग्टन। रूस ने S-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम की आपूर्ति भारत को तत्काल शुरू कर दिया है। अब ऐसे में अंदेशा जताया जा रहा है कि भारत पर पूर्व में अमेरिका ने जो प्रतिबंध लगाने की धमकी दिया था उसका खतरा बढ़ गया है,उधर अमेरिकी विदेश विभाग के हवाले से इस संबंध में एक रिपोर्ट सामने आई है जिसमें कहा गया है कि रूस से एस-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम खरीदने को लेकर भारत के खिलाफ प्रतिबंधों की संभावित छूट पर अमेरिका ने अभी तक कोई फैसला नहीं किया है, लेकिन एक बात साफ कर दिया गया है कि काउंटरिंग अमेरिकाज एडवर्सरीज थ्रू सेक्शन एक्ट के तहत किसी भी देश को विशेष छूट देने का प्रावधान नहीं दिया गया है।
इस रिपोर्ट में यह भी साफ किया गया है कि जो बाइडेन प्रशासन अमेरिका के सभी सहयोगियों,भागीदारों से रूस के साथ लेनदेन को त्यागने का आग्रह करता है, क्योंकि उन देशों पर CAATSA के तहत प्रतिबंधों का खतरा बरकरार रहता है।
बताते चले कि भारत ने अक्टूबर 2018 में भारत-रूस वार्षिक द्विपक्षीय शिखर सम्मेलन के दौरान पांच एस-400 सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल सिस्टम की खरीद के लिए रूस के साथ 5.43 बिलियन अमेरिकी डॉलर के समझौते पर हस्ताक्षर किया था।
जब यह डील हुई थी तो उसी समय अमेरिका ने संकेत दिया था कि रूस के एस-400 सिस्टम की खरीद से CAATSA प्रतिबंधों को लागू किया जा सकता है।
उल्लेखनीय है कि CAATSA एक अमेरिका का संघीय कानून है जो ईरान,उत्तर कोरिया और रूस पर प्रतिबंध लगाता है। CAATSA के तहत अमेरिका उन देशों पर भी प्रतिबंध लगा सकता है जो देश रूस के साथ प्रमुख रक्षा सौदा करते हैं।
फिलहाल,पूरी दुनिया की नजर इस समय अमेरिका पर है कि भारत के खिलाफ कार्रवाई होगी अथवा नहीं ?
लेकिन एक बात साफ हो गई है कि भारत जब भी जरूरत समझेगा रूस के साथ इसी तरह के आगे भी डिफेंस डील जारी रखेगा, भले ही अमेरिका कितनी भी धमकी क्यों न दे ? आखिर भारत का रूस पुराना और अत्यंत विश्वसनिय दोस्त जो है। अब अमेरिका को तय करना है कि वह भारत पर कार्यवाही करता है या नहीं ?