सांकेतिक तस्वीर।
मॉस्को/बीजिंग। रूस-यूक्रेन जंग के बीच चर्चा मे आये स्टार लिंक को नेस्तनाबूद करने के लिए चीन एक खतरनाक मिशन पर जुट गया है,दरअसल,रूस-यूक्रेन जंग के दौरान सेटेलाईट नेटवर्क के साथ-साथ सेटेलाईट इंटेलीजेंस रिपोर्ट भी यूक्रेन की सेना को लगातार उपलब्ध कराया जाता रहा जिस वजह से इस लड़ाई में रूस को अब तक भारी नुकसान उठाना पड़ा जो कि यह सेटेलाईट अभी भी अपने टास्क पर काम कर रही है। जिस वजह से इस सेटेलाईट की उपलब्धियों देखते हुए चीन डरा हुआ है। इसलिए अब उसने स्टारलिंक के नेटवर्क को तबाह करने के लिए नई टेक्नोलॉजी के मिशन पर जुट गया है।
बता दे कि चीनी मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि बीजिंग इंस्टीट्यूट ऑफ ट्रैकिंग एंड टेलीकम्युनिकेशन्स और चीन की डिफेंस इंडस्ट्री स्टारलिंक सैटेलाइट को जरूरत पड़ने पर नाकाम करने को लेकर खोज कर रही है। इस दौरान रिसर्चर्स ने इस संबंध में एक स्टडी भी प्रकाशित की है।
इस स्टडी रिपोर्ट में कहा गया है कि राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा होने पर एलन मस्क के स्टारलिंक को तबाह कर दिया जाएगा। इसमें यह भी बताया गया है कि स्टारलिंक सैटेलाइट को नाकाम करने के लिए टेक्नोलॉजी बनाई जा रही है। रिसर्चर्स का कहना है कि एक ऐसा सिस्टम बनाया जाएगा जो स्टारलिंक की एक्टिविटी को ट्रैक और मॉनिटर करेगा।
बताते चले कि एलन मस्क की कंपनी स्पेस एक्स ने स्टारलिंक सैटेलाइट का एक नेटवर्क बनाया है। इसमें हजारों छोटी-छोटी सैटेलाइट हैं, जो धरती के लो अर्थ ऑरबिट में मौजूद हैं। ये सैटेलाइट इंटरनेट की सुविधा देती हैं।
वहीं,अभी हाल ही में रूस की रोस्कोस्मोस अंतरिक्ष एजेंसी के प्रमुख दिमित्री रोगोजिन ने मस्क को धमकी दी थी। दरअसल, फरवरी में रूसी सैनिकों ने यूक्रेन में इंटरनेट सुविधा को तबाह कर दिया था। इसके बाद से ही मस्क की कंपनी स्पेसएक्स यूक्रेन में इंटरनेट सुविधा प्रदान कर रही है और सैनिकों की मदद कर रही है। इसके बाद से टेस्ला के CEO मस्क को जंग के बीच यूक्रेन की मदद करने के लिए रूस से धमकियों का सामना करना पड़ रहा है। चूंकि जबसे रूस यूक्रेन जंग छिड़ा हुआ है उसके कुछ दिन बाद ही जंग में स्टार लिंक सेटेलाईट की घुसपैठ हुई जो कि पूरे यूक्रेन को बेहतर इंटरनेट नेटवर्क देने के साथ-साथ रूसी फौज की पूरी रिपोर्ट यूक्रेन को लगातार उपलब्ध कराती रही,जंग में सटीक रिपोर्ट मिलने पर यूक्रेन आर्मी अंबुस करके अथवा गोरिल्ला पध्दति से रूसी फौज पर टूट पड़ती थी जो कि रूसी फौज को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा था,जहां बाद में रूस को इस सेटेलाईट के बारे में पता चला तबतक काफी देर हो चुकी थी,हालांकि यह सेटेलाईट अभी भी रूस की सिरदर्द बनी हुई हैं, तो वही चीन इस सेटेलाईट को नष्ट करने के मिशन पर जुट गया है।