सांकेतिक तस्वीर।
लंदन/वॉशिंगटन। चीन की हरकतों पर पिछले कई सालों से लगातार नजर रखने वाली पश्चिमी देशों की ऐजेंसियों के साथ साथ अमेरिकी ऐजेंसियों ने भी अब यह साफ कर दिया कि अमेरिका और यूरोपीय देशों के लिए सबसे बड़ा खतरा चीन है। बता दे कि अमेरिका और ब्रिटेन की खुफिया एजेंसी FBI और MI5 के चीफ़ ने चीन को लेकर एक बड़ी चेतावनी जारी की है। इन ऐजेंसियों ने कहा कि चीन हमारी गोपनीय चीजों को लूटने की योजना बना रहा है और तकनीक की चोरी करना चाहता है।
दरअसल,दोनों ही खुफिया प्रमुख पहली बार एक साथ आकर दुनिया को चीन के बढ़ते खतरे को लेकर वॉर्निंग दी है। ब्रिटिश खुफिया एजेंसी MI5 के चीफ केन मैककालम ने यहां तक कहा कि हमारे जासूस साल 2018 की तुलना में चीन में 7 गुना ज्यादा इंवेस्टिगेशन कर रहे हैं। चीनी कम्युनिस्ट पार्टी खुद के फायदे के लिए दूसरे देशों के डेमोक्राटिक, मीडिया और लीगल सिस्टम में रुचि रखती है।
इसी कड़ी में इधर,अमेरिकी ऐजेंसी FBI चीफ ने भी कहा कि चीन की कम्युनिस्ट पार्टी तेजी से एकाधिकार की ओर बढ़ रही है। ये हमरे लिए सबसे ज्यादा बड़ी चुनौती है। चीन हमारी टेक्नोलॉजी चुराने की कोशिश कर रहा है। हमारे बिजनेस और मार्केट पर भी कब्जा करने की मंशा रखता है।
वहीं,बीजिंग ने इन ऐजेंसियों के आरोपों को खारिज करते हुए उन्हें पूरी तरह से निराधार बताया है। ब्रिटेन में चीनी दूतावास के प्रवक्ता ने एक बयान में कहा- जिन तथाकथित मामलों को लेकर चेताया गया है वे बेबुनियाद हैं। चीन की राजनीतिक व्यवस्था को कलंकित करने के लिए वो चीन के बारे में तरह-तरह के झूठ फैला रहे हैं। वे ऐसा करके चीन विरोधी और चीनी बहिष्कार की भावना को भड़का रहे हैं।
फिलहाल,इन ऐजेंसियों के संयुक्त बयान ने एक बड़ा संकेत देते हुए साफ कर दिया है कि अब वह दिन दूर नहीं जब अमेरिका सहित समूचा यूरोपीय संघ चीन के खिलाफ मोर्चा खोलेगा। अब बताने की जरूरत नहीं है ऐसी परिस्थिति में नुकसान किसका अधिक होगा ?