इन्वेस्टिगेटिव रिपोर्ट

सीक्रेट ऑपरेशन का चौंकाने वाला एक और बड़ा खुलासा, IDF करेगी ईरान पर चौतरफा भीषण हमला, बड़ी प्लानिंग के तहत हीं सीरिया अटैक को दिया गया था अंजाम – चंद्रकांत मिश्र (एडिटर इन चीफ)


सांकेतिक तस्वीर।

तेल अवीव। जी हां, ईरान नहीं बल्कि उस पर इजरायली डिफेंस फोर्स चौतरफा भीषण हमला करने जा रही है। दरअसल,लगभग दो सप्ताह पहले जब सीरिया में ईरानी दूतावास को इजराइली एअर फोर्स ने निशाना बनाया तो ईरान सहित पूरी दुनिया में हड़कंप मच गया। क्योंकि,इस ईरानी दूतावास में ईरानी सेना के कई टाॅप लेवल के जनरल के साथ कई अन्य अधिकारियों की भी मौत हो गयी थी, जिससे तेहरान बेहद आक्रामक हो गया और इस हमले का बदला लेने के लिए जोर शोर से ईरान सभी मोर्चों पर प्रदर्शन करने लगा, परिणामस्वरूप CIA, MI6 और मोसाद समेत इजरायल के सहयोगी देशों की कई खुफिया एजेंसियां भी सक्रिय हो गई।

जहां संयुक्त रूप से पेंटागन ने यह साफ कर दिया कि ईरान इस बार इजरायल पर जबरदस्त हमला करने के बड़े तैयारी पर है,इसके बाद डिप्लोमैटिक चैनल के माध्यम से अमेरिका समेत पश्चिम के कई देश खाड़ी देशों के संपर्क में हो गये ताकि तेहरान को इस जंग को और भी अधिक भढ़काने से रोका जा सके। लेकिन ऐसा हो न सका, तब इन सभी देशों के साथ दुनिया के और भी कई देश ईरान और इजरायल की यात्रा पर जाने से अपने नागरिकों को रोकने के लिए एडवायजरी जारी कर दिये।

वहीं अंतरराष्ट्रीय मीडिया भी इस तनाव को अत्यंत बढ़ा-चढ़ा कर तथ्यों के इतर रिपोर्टिंग में जुट गया है। इस बीच “सीक्रेट ऑपरेशन” न्यूज पोर्टल समूह ने भी ईरान-इजरायल के बीच जारी इस भीषण तनाव से जुड़े सभी तथ्यों का गहन अध्ययन व विश्लेषण शुरू कर दिया। नतीजन सीक्रेट ऑपरेशन समूह ने इस पूरे घटनाक्रम के संबंध में इस परिणाम पर पहुंचा कि बीते साल के 7 अक्टूबर के हमले के बाद से खाड़ी में ईरान की तरफ से लगातार अमेरिकी गुट को भारी नुकसान पहुंचाने और खुद के परमाणु संयंत्र से अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऐजेंसी को दूर रखने के कारणों के दृष्टिगत अमेरिकी गुट के ईशारे पर इजरायल द्वारा सीरिया में 1 अप्रैल को ईरानी दूतावास को इस आशय से निशाना बनाया गया ताकि ईरानी काउंटर का माहौल बनाकर ईरान पर संयुक्त रूप से उसके परमाणु संयंत्रों को निशाना ठीक उसी तरह से बनाया जाए जैसे कि 80 के दशक में ईराक के परमाणु संयंत्रों को इजराइली एअर फोर्स द्वारा निशाना बनाया गया था। चूंकि,पेंटागन समेत उसके कई सहयोगी देशों को ईरान द्वारा पूर्व में परमाणु हथियारों का परीक्षण करने का पूरी आशंका है।

इन्ही सब आशंकाओं के दृष्टिगत हीं दो सप्ताह पहले सीरिया में ईरानी दूतावास अटैक को एक स्पेशल प्लानिंग के तहत इस भीषण हमले को अंजाम दिया गया था ताकि ईरान जैसे ही बदला जैसा कोई माहौल बनाये बस उसकी तरफ से हमला होने से पहले ही ईरानी परमाणु संयंत्रों पर इजरायली एअर फोर्स कहर बरपा दें। रही बात ईरान की तो सीरिया अटैक के बाद भारी दबाव का सामना कर रहा है, हालांकि इससे पहले भी ईरान इस तरह के इजरायली हमलों का जबरदस्त बदला लेने की बड़ी बड़ी बातें हीं करता रहा लेकिन कभी खुलकर फ्रंट पर कभी नहीं आया, लेकिन इस बार माहौल ईरान के खिलाफ है। ईरान के इस गंभीर संकट के दृष्टिगत उसके सहयोगी देशों की तरफ से अभी तक कोई ठोस प्रतिक्रिया सामने नहीं आ रही है, अर्थात इस समय ईरान सांप-छछूंदर की स्थिति का सामना कर रहा है, शायद यही कारण है कि अभी तक सिर्फ बदला लेने की बड़ी बड़ी बातें हीं कर रहा है।

जबकि कुछ महिने पहले ही जब पाकिस्तान समर्थित आतंकियों ने ईरान पर हमला बोला था तो 24 घंटे के भीतर हीं ईरान ने रिसपांड किया था, लेकिन सीरिया अटैक को दो सप्ताह बाद भी अभी तक तेहरान सिर्फ बातें हीं कर रहा है। हालांकि इंटरनेशनल लेवल के तमाम डिफेंस एक्सपर्ट भी ईरानी काउंटर को लेकर संदेह व्यक्त कर रहे हैं। बता दे कि पूरी दुनिया का एकमात्र न्यूज पोर्टल समूह “सीक्रेट ऑपरेशन” दो दिन पहले ही ईरान के परमाणु हथियारों के परीक्षण संबंधी दावें में यह खुलासा किया था कि ईरान अमेरिका समेत उसके सभी सहयोगी देशों की खुफिया ऐजेंसियों की आंखों में धूल झोंककर अपने परमाणु परीक्षण को अंजाम दे चुका है, हालांकि सीक्रेट ऑपरेशन इस संबंध में अपनी आगे की जांच जारी रखे हुए हैं, ताकि इस परीक्षण से जुड़ी अन्य जरुरी जानकारी भी पब्लिक कर सकें।

ऐसे में “सीक्रेट ऑपरेशन” न्यूज पोर्टल समूह तमाम तथ्यों व अन्य संबंधित रिपोर्ट्स के आधार पर पूरी जिम्मेदारी के साथ यह दावा करता है कि इस साल के 1 अप्रैल को सीरिया में मौजूद ईरानी दूतावास को इजराइली एअर फोर्स द्वारा उल्लिखित तथ्यों के दृष्टिगत हीं निशाना बनाया था ताकि ईरानी काउंटर का माहौल बनाकर ईरान पर संयुक्त रूप से उसके परमाणु संयंत्रों को टारगेट किया जा सकें।
गौरतलब है कि “सीक्रेट ऑपरेशन” मीडिया समूह पूरी दुनिया का इकलौता ऐसा समाचार संस्थान है जिसके लगभग सभी दावें अब तक सौ फीसदी सच साबित हुए, जिसका कि पूर्ण विवरण “सीक्रेट ऑपरेशन” के 5 दिसंबर 2023 के अंक में इन्वेस्टिगेटिव रिपोर्ट के कॉलम में वर्णित है।

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