
फाईल फोटो, साभार-(सोशल मीडिया)
इस्लामाबाद/नई दिल्ली। जबसे बीते दिनों पूर्व पाकिस्तानी जासूस पत्रकार ने भारत के पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी के बारे में खुलासा किया है,उसके बाद से ही भारत के सियासत में तूफान आ गया है जो कि लगातार किसी न किसी वजह से यह मुद्दा मीडिया में बना हुआ है। जहां इसी कड़ी में अब केंद्र की सत्तारूढ पार्टी भाजपा ने इस घटनाक्रम में बेहद चौंकाने वाला खुलासा करते हुए एक तस्वीर जारी किया है। बता दे कि भाजपा ने दावा किया है कि आईएसआई एजेंट पाकिस्तानी पत्रकार नुसरत मिर्जा को वर्ष 2010 में तत्कालीन उपराष्ट्रपति के ऑफिस ने फोन कर आयोजकों से कहा था कि वे पाक पत्रकार नुसरत मिर्जा को आमंत्रित करें।

हामिद अंसारी पूर्व उप राष्ट्रपति,साभार-(सोशल मीडिया)
बताते चले कि पाक पत्रकार ने एक इंटरव्यू में खुलासा किया है कि वह साल 2005-11 के दौरान कई बार भारत आए और यहां उन्होंने पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI के लिए कई जानकारियां जुटाईं। इस पर भाजपा पूर्व उप राष्ट्रपति हामिद अंसारी और कांग्रेस पार्टी पर हमलावर है। जहां इसी कड़ी में शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर भाजपा प्रवक्ता गौरव भाटिया ने अंसारी पर गंभीर आरोप लगाते हुए एक तस्वीर शेयर किया तथा दावा किया कि बीते 27 अक्टूबर 2009 की एक मीटिंग में अंसारी के साथ वह पत्रकार भी दिखाई देता है।
इस दौरान भाजपा प्रवक्ता भाटिया ने यह भी खुलासा किया कि अंसारी जी कहते हैं कि नुसरत मिर्जा को उन्होंने कभी आमंत्रित नहीं किया लेकिन उपराष्ट्रपति के कार्यालय की ओर से 2010 की कॉन्फ्रेंस के लिए फोन पर आयोजकों से कहा गया था कि आप पत्रकार नुसरत मिर्जा को आमंत्रित कीजिए। भाजपा ने सवाल किया कि ऐसा क्यों कहा, क्या रिश्ता है? भाटिया ने कहा कि जिस सेमिनार का जिक्र अंसारी जी ने किया है, उसके आयोजक सुप्रीम कोर्ट के वकील का बयान आया है। वह कहते हैं कि उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी जोर दे रहे थे और जब नहीं बुलाया गया तो वह काफी नाराज हो गए। अंसारी जी ने अपमानित महसूस किया और नाराज होने के कारण वह 1 घंटे की जगह 20 मिनट ही रहे।
इतना ही नहीं भाटिया ने आगे यह भी कहा कि बड़े संवैधानिक पदों पर बैठे व्यक्तियों की जिम्मेदारी भी बड़ी होती है। कोई भी व्यक्ति हो, सबसे ऊपर भारत है, भारत के नागरिकों का हित है। उन्होंने कहा कि हामिद अंसारी जी ने सारा ठीकरा कांग्रेस की सरकार पर यह कहकर फोड़ा है कि जो विदेशी गणमान्य व्यक्ति उपराष्ट्रपति के कार्यक्रम में बुलाए जाते हैं, ये सरकार (विदेश मंत्रालय) की सलाह से बुलाए जाते हैं। दरअसल, नुसरत मिर्जा को आमंत्रित करने के भाजपा के दावे को खारिज करते हुए अंसारी ने कहा है कि भारत के उपराष्ट्रपति की ओर से विदेशी गणमान्य व्यक्तियों को निमंत्रण आमतौर पर विदेश मंत्रालय के माध्यम से सरकार की सलाह पर दिया जाता है। भाजपा प्रवक्ता ने तंज कसते हुए कहा कि 26/11 का आतंकी हमला हमारे देश पर हुआ था और आतंकवाद से कैसे लड़ना है, ये कांग्रेस पार्टी पाकिस्तान के आईएसआई एजेंट से सीख रही थी।
इसी क्रम में भाटिया ने आगे भी कहा, ‘हामिद अंसारी जी कहते हैं कि मैंने आतंकवाद पर कॉन्फ्रेंस का उद्घाटन 11 दिसंबर 2010 को किया था। उन्होंने कहा है कि आयोजक ही आगंतुकों को आमंत्रित करते हैं, मैंने उन्हें (नुसरत मिर्जा) इनवाइट नहीं किया था और न ही मिला था।’ इसके बाद मुंबई आतंकी हमले के एक साल के भीतर की एक तस्वीर दिखाकर भाटिया ने दावा किया कि 27 अक्टूबर 2009 को हो रही इस मीटिंग में बीच में बैठे हैं तत्कालीन उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी और मंच पर पाकिस्तान के नुसरत मिर्जा भी दिखाई देते हैं। भाजपा ने सवाल किया कि इस तरह के किसी कार्यक्रम का आयोजन खुफिया एजेंसियों के क्लियरेंस के बाद की जाती है और वीजा देने का काम विदेश मंत्रालय ही करता है तो यह कैसे हो गया कि ऐसा पत्रकार जो पाकिस्तान की आईएसआई को भारत की गोपनीय जानकारी साझा कर रहा था, वह तत्कालीन उपराष्ट्रपति के साथ बैठा हुआ है।
भाजपा ने यह भी साफ किया कि हामिद अंसारी के कारण पांच बार पाकिस्तानी जासूस पत्रकार नुसरत मिर्जा को वीजा मिला था। नियमों का हवाला देते हुए भाजपा ने साफ किया कि जब पाकिस्तान से कोई व्यक्ति आता है तो उसे रूल के तहत देश के सिर्फ तीन शहरों के लिए परमिशन मिलती है लेकिन उसे 7 शहरों के लिए अनुमति दी गई थी।
फिलहाल,इस घटनाक्रम से संबंधित खुलासे में यह अब तक यह साफ हो गया है कि देश के पूर्व उप राष्ट्रपति हामिद अंसारी झूठ बोल रहे हैं,अब ऐसे में इस पूरे घटनाक्रम को राष्ट्रीय सुरक्षा के दृष्टि से देखते हुए इसकी उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिए,चूंकि घटना की गंभीरता बहुत कुछ संकेत दे रही है।
