इन्वेस्टिगेटिव रिपोर्ट

सीक्रेट ऑपरेशन का फिर से बड़ा दावा, ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बावजूद भी यूक्रेन के सेहत पर नहीं होगा कोई असर – चंद्रकांत मिश्र (एडिटर इन चीफ)


सांकेतिक तस्वीर।

वाशिंग्टन/नई दिल्ली। इस समय अमेरिका में इस साल के नवंबर में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव पर पूरी दुनिया की नजर बनी हुई हैं,उसमें भी सबसे बड़ी वजह ट्रंप के बयानों को लेकर है, क्योंकि ट्रंप ने कई मौकों पर पेंटागन की तमाम इंटरनेशनल नीतियों में बड़े फेर बदल का संकेत दिया है, जिसे लेकर नाटों के अलावा अन्य वे सभी देश भी संशकित है जो कि रक्षा मामलों में पूरी तरह से अमेरिकी मदद पर निर्भर हैं। जहां इस दौरान यूरोपीय मीडिया के अलावा इंटरनेशनल लेवल के तमाम बड़े मीडिया हाउस भी ट्रंप के उन्हीं संकेतों के हवाले से डर फैला रहे हैं। जहां इन्ही तमाम आशंकाओं को लेकर यूक्रेन भी सशंकित दीख रहा है।

लेकिन जब इन तमाम रिपोर्ट्स के साथ-साथ कोल्ड वार के दौरान भी पेंटागन के तमाम अंतरराष्ट्रीय रक्षा नीतियों का “सीक्रेट ऑपरेशन” न्यूज पोर्टल समूह द्वारा अत्यंत गंभीरता पूर्वक विश्लेषण किया गया तो यह पाया गया कि ट्रंप के जिन बयानों को आधार बनाकर पूरी दुनिया में एक अलग जो माहौल बनाया जा रहा हैं वह पूरी तरह से बलहीन है, क्योंकि “सीक्रेट ऑपरेशन” ने अपने विश्लेषण में यह पाया है कि ट्रंप पेंटागन के तमाम अंतर्राष्ट्रीय रक्षा नीतियों में एक शब्द भी परिवर्तन नहीं करेंगे।

ट्रंप के ऐसा न करने के पीछे एक-दो नहीं सैकड़ों कारण है जिसे चाहकर भी ट्रंप इसमें से एक अक्षर भी बदलाव नहीं कर सकते हैं। बता दे कि दुनिया का “सीक्रेट ऑपरेशन” न्यूज पोर्टल समूह हीं इकलौता ऐसा मीडिया हाउस है जिसका कि इस तरह का एक भी दावा आज तक झूठा साबित नहीं हुआ है, उदाहरण के लिए सीक्रेट ऑपरेशन के 5 दिसंबर 2023 के इन्वेस्टिगेटिव रिपोर्ट के कॉलम को लागिन करके देखा जा सकता है जिसमें कि वर्ष 2022 से लेकर अब तक ऐसे जितने भी दावें किये गये हैं वे सभी दावें आज तक सौ फीसदी सच साबित हुए हैं।

गौरतलब है कि अमेरिका में आगामी राष्ट्रपति पद के चुनाव के दृष्टिगत राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप ने कई मौकों पर पेंटागन के उन तमाम अंतर्राष्ट्रीय रक्षा नीतियों में बड़े फेर बदल का संकेत दिए थे, जिसमें कि यूक्रेन जंग प्रमुख था, यानि ट्रंप ने कई मौकों पर साफ कर दिये हैं कि यदि वे राष्ट्रपति बनते है तो यूक्रेन को दी जाने वाली तमाम मदद में वें भारी कटौती करने के साथ-साथ रूस के साथ जारी अमेरिकी टकराव को भी कम करेंगे, ताकि रूस के साथ अमेरिकी तनाव कम हो सकें, ट्रंप के इन्हीं बयानों को आधार बनाकर पूरी दुनिया में एक अलग माहौल बनता दीख रहा है जिससे यूक्रेन भी प्रभावित हो रहा है, क्योंकि यूक्रेन पेंटागन की मदद और नाटों के सहयोग के कारण हीं जंग में रूस के खिलाफ अभी तक डंटा हुआ है, ऐसे में यदि ट्रंप चुनाव जीतते है तो यूक्रेन के लिए बिल्कुल भी ठीक नहीं होगा।

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