इन्वेस्टिगेटिव रिपोर्ट

लीक दस्तावेज में हड़कंप मचाने वाला हुआ खुलासा, रिपोर्ट में साफ कहा गया है कि ट्रंप के साथ अन्य कई अमेरिकी अधिकारी भी थे ईरान के रडार पर – सतीश उपाध्याय/अमरनाथ यादव


डोनाल्ड ट्रंप,फोटो,साभार (सोशल मीडिया)

तेहरान/वॉशिंगटन। एक गोपनीय रिपोर्ट के लीक होते ही अमेरिका सहित दुनिया के कई देशों में हड़कंप मच गया है। इस रिपोर्ट में दावा किया गया है कि ईरान पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उनके पूर्व सेक्रेटरी ऑफ स्टेट माइक पोम्पियो की हत्या करने या उनके अपहरण की साजिश रच रहा है। दरअसल,इस लीक दस्तावेज में इस बात का खुलासा हुआ है कि ईरान ने अपने शक्तिशाली मेजर जनरल कासिम सुलेमानी की मौत के बाद से ही इस साजिश को रचना शुरू कर दिया। बता दें कि दो साल पहले एक स्ट्राइक अटैक में में ईरानी कमांडर जनरल कासिम को ढेर कर दिया गया था। जहां इस हमले के बाद यह अफवाह सामने आई कि अमेरिका के ईशारे पर इजरायल की खुफिया ऐजेंसी ने इस हमले को अंजाम दिया था। वहीं बाद में इजरायल के वरिष्ठ अधिकारी ने भी खुलासा किया था कि जनरल कासिम की हत्या में इजरायल का हाथ है।

दरअसल,एक अन्य मीडिया रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है कि अमेरिका की राष्ट्रीय आतंकवाद निरोधी केंद्र की लेटेस्ट रिपोर्ट में दावा किया गया था कि ईरान चुनिंदा अमेरिकी अधिकारियों के खिलाफ अभियान चला रहा है। इसमें जान से मारने की धमकी,कानूनी पैंतरेबाजी और ईरान के अपने प्रतिबंध शामिल हैं। कमांडर सुलेमाली खाड़ी देशों में सबसे ताकतवर मिलिट्री कमांडर थे। चूंकि,सीरिया में रूसी हस्तक्षेप और लेबनान में हिज़्बुल्ला आतंकवादियों की मदद में सुलेमानी का बड़ा योगदान रहा है।

स्व.जनरल कासिम,फोटो,साभार-(सोशल मीडिया)

गौरतलब है कि ईरानी कमांडर जनरल सुलेमानी कासिम जनवरी 2020 में इराक गया था तभी बगदाद इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर उन पर स्ट्राइक अटैक किया गया,जिससे सुलेमानी की मौत हो गई। जनरल कासिम की मौत के एक साल बाद जनवरी 2021 से ही ईरान खुले तौर पर अमेरिका में हमला,डोनाल्ड ट्रंप और पूर्व सेक्रेटरी ऑफ स्टेट माइक पोम्पियो को टारगेट बनाने की बात करता रहा है। लीक रिपोर्ट में कहा गया है कि ईरान इस तरह के टार्गेट को सुलेमानी की मौत का बदला मानेगा।

अब इस ताजे खुलासे को लेकर विशेषज्ञों का यह मानना है ये खुलासे ऐसे समय में हो रहे है जब अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन खाड़ी देशों के दौरे पर हैं। जहां उन्होंने एक इजरायली ब्रॉडकास्टर से बातचीत में साफ कहा कि ईरान को न्यूक्लियर ताकत न मिले इसके लिए वह मिलिट्री पावर का भी इस्तेमाल करने से नहीं चूकेंगें। अब ऐसे में हालात ईरान के खिलाफ दिख रहे हैं। क्योंकि, रूस-यूक्रेन जंग के बीच ईरान खुलेआम रूस और चीन को ज्वाइन कर रहा है,इतना ही नहीं बीते इसी साल बीते कुछ महिने पहले चीनी रक्षामंत्री व अन्य चीनी सैन्य अधिकारी तेहरान के यात्रा पर थे और वहां तमाम डील भी हुई थी। अब ऐसे में यहां साफ होता दिख रहा है कि अब बारी मिडिल-ईस्ट की है। हालांकि इजरायल इसकी पूरी तैयारी करके बैठा हुआ है तो ईरान भी तैयार है। बस एक चिंगारी की देर हैं उसके बाद तो खाड़ी देशों में सिर्फ जंग का ही माहौल दिखेगा।

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