सांकेतिक तस्वीर।
लंदन/नई दिल्ली। दुनिया के सबसे बड़े मिलिट्री एलाएंस के रूप में जाने,जाने वाले “नाटों” के लिए अब तक कि सबसे बुरी रिपोर्ट सामने आई है, दरअसल सीक्रेट ऑपरेशन न्यूज पोर्टल की तपतींश में यह मालूम हुआ है कि चीनी ऐजेंसियों ने नेपाली गोरखा जवानों के बीच अपने जासूस जवानों को भारी संख्या में नियुक्त कर रखा है,जो कि ब्रिटिश फौज के माध्यम से नाटों में भी सक्रिय है, जहां से ये चीनी जासूस बेहद सुरक्षित ढंग से अपने जासूसी मिशन को अंजाम देते रहे हैं। हैरानी इस बात की है कि ये चीनी जासूस लंबे समय से अपने ऐसे तमाम आपरेशन को अंजाम देते रहे और CIA तथा MI6 जैसी वेल प्रोफेशनल इंटेलीजेंस ऐजेंसियां आज तक भांप नहीं पाई।
वहीं, ऐसे संदिग्ध इन गोरखाओं में भारतीय फौज के बीच चीनी जासूस की संभावना को खारिज नहीं किया जा सकता है। हालांकि, इस तरह के मामला अभी तक सामने नहीं आया है, लेकिन “सीक्रेट ऑपरेशन” न्यूज पोर्टल समूह अपने इस दावें पर अभी भी कायम हैं कि ब्रिटिश फौज में भर्ती होने वाले नेपाली गोरखा जवानों के बीच चीनी जासूस बड़ी संख्या में दशकों से मौजूद रहे हैं। जहां ये ब्रिटिश फौज के माध्यम से नाटों में शामिल होकर नाटों के तमाम मिलिट्री ऑपरेशन का हिस्सा बनकर अपने जासूसी मिशन को अंजाम देते रहे हैं। चूंकि, नेपाली गोरखा और चीनी नागरिक रूप-रंग, कद-काठी में लगभग एक ही जैसे दीखते है। ऐसे में धोखा होना कोई बड़ी बात नहीं है।
गौरतलब है कि सेकेंड वर्ल्ड वार के बाद एक त्रिस्तरीय समझौता के अंतर्गत ब्रिटेन, भारत और नेपाल के बीच यह तय हुआ था कि नेपाली गोरखा जवानों की इन तीनों देशों की सेनाओ में भर्ती होती रहेगी। क्योंकि,नेपाली गोरखा पहाड़ी लड़ाइयों में सबसे आले दर्जे का प्रदर्शन करते हैं। यहां तक कि अतीत की कई जंगों में इनकी प्रशंसनिय उपलब्धियां रही है। यही कारण है कि इनकी मांग दुनिया भर की फौजें करती रही है, लेकिन पूर्व में हुए इस त्रिस्तरीय समझौता के तहत ये सिर्फ इन तीन देशों के लिए ही अधिकृत है। अब ऐसे में हमारे इस ताजे खुलासे को संबंधित ऐजेंसियों को संज्ञान लेना चाहिए, चूंकि अतीत में “सीक्रेट ऑपरेशन” न्यूज पोर्टल के तमाम दावें आज तक सौ फीसदी सच साबित होते रहे हैं।