इन्वेस्टिगेटिव रिपोर्ट

सीक्रेट ऑपरेशन का फिर से बड़ा खुलासा, मोदी के विदेशी दौरों की जासूसी के नाम पर ISI ने अब तक हजारों करोड़ रुपये का किया गबन, पाकिस्तान को बड़ा झटका – चंद्रकांत मिश्र (एडिटर इन चीफ)


सांकेतिक तस्वीर।

इस्लामाबाद/नई दिल्ली। यूं तो “सीक्रेट ऑपरेशन” न्यूज पोर्टल समूह अपने स्थापना तिथि के बाद से हीं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर लगातार बेहद चौंकाने वाले और सनसनीखेज खुलासे करता रहा है जो कि ये सभी दावें अभी तक सौ फीसदी सच साबित होते रहे हैं। जहां इसी कड़ी में दुश्मन देश की खुफिया एजेंसी की एक ऐसी गोपनीय रिपोर्ट्स हमारे हाथ लगी है कि जिसके बारे में जानने के बाद कोई भी हैरान हो सकता है, इतना ही नहीं यह रिपोर्ट इतना टाॅप सीक्रेट था कि दुश्मन कभी सपने में भी नहीं सोचा होगा कि यह “सीक्रेट ऑपरेशन” न्यूज पोर्टल समूह के हाथ लगेगा। हालांकि यह रिपोर्ट गैर कागजी दस्तावेजों के इतर तथ्ययुक्त है।

दरअसल, हमें अति महत्वपूर्ण सूत्रों के हवाले से यह जानकारी मिली है कि देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विदेशी यात्राओं के दौरान दुश्मन ऐजेंसी ISI जरूरत से ज्यादा लगातार सक्रिय रहती है जो कि इस दौरान ये ऐजेंसी मोदी के नई दिल्ली से लेकर संबंधित देशों की यात्रा के दौरान मोदी के साथ जाने वाली ब्यूरोक्रेसी व अन्य की संपूर्ण गतिविधियों पर पूरी निगरानी रखती है। इस दौरान ISI अपने इस कांफिडेंसियल मिशन को पूरा करने के लिए पाकिस्तान का अब तक हजारों करोड़ रुपये पानी की तरह बहा डाली है। बता दे कि मोदी देश के ऐसे पहले प्रधानमंत्री है जिनके विदेशी दौरों की गाज सबसे ज्यादा पाकिस्तान के खजाने पर गिरती है।

यानि, पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी (ISI) मोदी के विदेशी यात्राओं को पाकिस्तान के लिए बड़े खतरे के तौर पर देखती है। और इन यात्रायों के एक-एक गतिविधि पर नजर रखने के लिए अलग से बड़ा फंड रिलीज करती है,जो कि यह पाकिस्तान के खजाने से जाता है। वहीं, नई दिल्ली मोदी के इन आधिकारिक दौरों को एक सामान्य प्रोटोकॉल के रूप में शो करती है, लेकिन ISI इसे बहुत ही सिरियसली लेती है। पाकिस्तान में हड़कंप तो तब मचता है जब देश के गृह मंत्री अमित शाह के किसी विदेशी दौरे की रिपोर्ट सामने आती है। हालांकि,मोदी की अपेक्षा शाह का विदेशी दौरा प्राय: कम होता है।

हालांकि, ISI के रडार पर और भी कई भारतीय हिंदुवादी नेता पहले से ही रहे हैं,लेकिन मोदी के विदेशी यात्राओं के संबंध में जिस तरह से ISI लगातार नजर रख रही है और इस जासूसी मिशन को अंजाम देने के नाम पर अब तक अपने देश के हजारों करोड़ रुपये को खर्च कर चुकी है, नि:संदेह दुश्मन ऐजेंसी इसमें जरूरत से ज्यादा भ्रष्टाचार की है जो कि पहले से ही पाकिस्तानी फौज और उसकी खुफिया एजेंसी बदनाम रही है। यानि, ISI अपने ही देश की जनता की गाढ़ी कमाई को फर्जी रिपोर्ट का हवाला देकर लगातार लूट रही है, पाकिस्तानी अवाम के लिए बड़ी चिंता की बात है।

वहीं,इस विषय में हमारी रिसर्च और विश्लेषण से प्रथम दृष्ट्या यह स्पष्ट हो गया है कि ISI पूरी तरह से बेलगाम है और वह पाकिस्तान की सुरक्षा व गोपनीय रिपोर्ट हासिल करने के नाम पर अपने देश के खजाने को लगातार लूटने में लगी हुई है, जिसे पाकिस्तान की जनता भली भाँति जानती व समझती भी है, मगर पाक फौज के भारी दबाव के चलते वहां की जनता एक तरह से सेंसर हो चुकी है। तथा इसी क्रम में इस बात को भी खारिज नहीं किया जा सकता है कि मोदी इंटरनेशनल प्रोटोकॉल के तहत इन यात्राओं को लगातार इस लिए भी जारी रखे हुए हैं ताकि दुश्मन लगातार उन पर ही फोकस करता रहे, जिससे दुश्मन का बड़े पैमाने पर भारी आर्थिक नुकसान लगातार होता रहे।

इसी कड़ी में यदि बीजिंग की बात की जाये तो वह भी ऐसे मामलों में अतिरिक्त सतर्कता बरतने से बाज नहीं आ सकता लेकिन कोई ठोस तथ्य न हासिल होने के कारण हम सिर्फ एक अंदाजा ही लगा सकते हैं। ऐसे में चीन की भूमिका को लेकर हम अभी भी पूरी तरह से स्पष्ट नहीं हो सके हैं। दरअसल, दुनिया के कई देश खासतौर पर अपने दुश्मन देशों पर इसी तरह से लगातार निगरानी बनाये रहते हैं लेकिन निगरानी के नाम पर पाकिस्तानी ऐजेंसी की तरह से यूं हजारों करोड़ रुपये बर्बाद करने की रिपोर्ट अभी तक हमें नहीं मिली है।

गौरतलब है कि देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी वर्ष 2014 से लेकर अब तक लगातार अपने अंतर्राष्ट्रीय दौरे को लेकर चर्चा में बने रहते हैं, जहां इस दौरान वें देश की मुख्य विपक्षी पार्टियों के अतिरिक्त अन्य नेताओं के भी निशाने पर रहे हैं। जिस पर मोदी की तरफ से कभी कोई बड़ी सफाई या प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है, लेकिन “सीक्रेट ऑपरेशन” जो कि अपने उल्लिखित ठोस तथ्यों के आधार पर अपने उल्लिखित दावें को स्वीकार करते हुए इसे पब्लिक करता है कि मोदी के इन विदेशी दौरों का सबसे बड़ा उद्देश्य पाकिस्तान के खजाने पर बड़ी चोट करना है जैसा कि पाकिस्तान में देखने को मिलता रहा है। जिससे पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति दिन ब दिन अत्यधिक खराब ही होती जा रही है। जिससे पाकिस्तान के अन्य व्यवस्थाओं पर भी भारी प्रतिकूल प्रभाव पड़ता दीख रहा है।

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