बलूचों की गोलाबारी में मारे गए पाक सैनिकों के शव, साभार -(सोशल मीडिया)
क्वेटा/नई दिल्ली। आखिरकार,पाकिस्तान ट्रेन हाईजैक पर “सीक्रेट ऑपरेशन” न्यूज पोर्टल समूह का वह दावा सौ फीसदी सच साबित हो हीं गया, जिसे दो दिन पहले ही यानि 12 मार्च को “सीक्रेट ऑपरेशन” द्वारा किया गया था। दरअसल, 11 मार्च को बलूच विद्रोहियों द्वारा जिस पाकिस्तानी ट्रेन को बलूचिस्तान के पहाड़ी इलाकें में अपहरण किया गया था, जिसे छुड़ाने के लिए पाक फौज तुरंत एक सैन्य आपरेशन पूरी ताकत के साथ शुरू कर दी थी, जहां तमाम तथ्यों के आधार पर संबंधित न्यूज पोर्टल समूह “सीक्रेट ऑपरेशन” ने अपने 12 मार्च के अंक में यह दावा किया था कि पाकिस्तानी सेना का यह सैन्य आपरेशन पूरी तरह से फेल होगा, सिर्फ बातचीत से ही बंधकों की सकुशल रिहाई संभव होगी।
जहां हमारे इस दावे के मात्र कुछ घंटे बाद ही पाकिस्तानी सेना की तरफ से हमारे इस दावे के उलट यह कहा गया कि पाक फौज का यह आपरेशन पूरी तरह से सफल रहा और बचे हुए सभी बंधकों की बरामदगी करते हुए तमाम विद्रोहियों को ढेर कर दिया गया है। इस दौरान पाक फौज की तरफ से यह भी दावा किया गया कि हमारी नाम मात्र की कुछ हीं कैजुअलटी हुई है। इस बीच पाक फौज के इन दावों को आधार बनाकर पाकिस्तान के तमाम मीडिया समूहों ने भी इसे सही मानते हुए पाकिस्तानी सेना के ईशारे पर रिपोर्ट करना शुरू कर दिया।
लेकिन, जब 13 मार्च की सुबह बलूच विद्रोहियों ने पाकिस्तानी सेना के इन सभी दावों को खारिज करते हुए साफ किया कि अभी भी उनके कब्जे में तमाम पाकिस्तानी सेना के बंधक है, जिनहे उस समय मारा जायेगा, जब हमारे 48 घंटे वाले अल्टीमेटम के दौरान हमारे बंदियों को पाकिस्तान नहीं छोड़ेगा। इतना ही नहीं इन बलूचों ने यह भी साफ किया कि घटनास्थल पर पाकिस्तान स्वतंत्र मीडिया समूहों व पत्रकारों को भेजकर पूरी दुनिया को सच्चाई से रूबरू कराये कि झूठ कौन बोल रहा है ? यानि बलूच विद्रोहियों ने प्रथम दृष्ट्या पाकिस्तान के 12 मार्च वाले उस दावें को खारिज करते हुए झूठा साबित कर दिया जिसमें पाकिस्तानी सेना की तरफ से आपरेशन की सफलता का दावा किया गया था। वहीं, पाकिस्तान की तरफ से बलूच विद्रोहियों के इस ताजे दावें को लेकर अभी तक पूरी तरह से चुप्पी साधी गई है।
अब ऐसे में “सीक्रेट ऑपरेशन” न्यूज पोर्टल समूह के 12 मार्च वाले उस दावें पर बलूच विद्रोहियों ने सच्चाई की सबसे बड़ी मुहर लगा दिया है, क्योंकि, 12 मार्च के पाकिस्तानी दावें के उलट जब 13 मार्च को बलूच विद्रोहियों ने पाक फौज के इन तमाम दावों को खारिज करते हुए अपना पक्ष रखते हुए तमाम अन्य तथ्यों को जोरदार तरीके से सार्वजनिक किया तो पाकिस्तान की घिग्घी बंध गई और पूरी तरह से चुप्पी भी साध ली गई है। अब ऐसे में हमारे 12 मार्च वाले दावें को लेकर कोई संशय नहीं बचता है। यानि हमने जो दावा किया था वह सौ फीसदी सच साबित हो गया है, अर्थात पाकिस्तानी सेना का सैन्य आपरेशन पूरी तरह से फेल हो गया है। बता दे कि “सीक्रेट ऑपरेशन” के ऐसे तमाम दावें हमेशा सौ फीसदी सच साबित होते रहे हैं, जिसकी एक बड़ी सूची हमारे न्यूज पोर्टल के “इंवेसटगेटिव रिपोर्ट” कालम पर उपलब्ध है।
उल्लेखनीय है कि बीते 11 मार्च की दोपहर बलूचिस्तान के पहाड़ी सुरंगों में से गुजर रही एक पाकिस्तानी ट्रेन को बलूच विद्रोहियों ने एक अंबुस आपरेशन के दौरान अपने कब्जे में ले लिया, इस दौरान इन विद्रोहियों ने तमाम सिविलियन यात्रियों को छोड़कर ट्रेन में सवार अन्य पाकिस्तानी फौजी अफसरों व सैनिकों को उसी ट्रेन में बंधक बनाकर पाक हुकूमत को अपने बलूच कैदियों की रिहाई के लिए अगले 48 घंटे का अल्टीमेटम दे दिया, जहां इन बलूचों द्वारा यह भी साफ किया गया कि यदि उनकी शर्तो के अनुसार पाकिस्तान उनके कैदियों की रिहाई नहीं करता है तो उनके द्वारा इस ट्रेन में बंधक बनाये गये इन तमाम पाकिस्तानी सैनिकों व सैन्य अधिकारियों की बारी-बारी से हत्या कर दी जायेगी, जहां पाकिस्तान ने बलूचों के इस चेतावनी को नजर अंदाज करते हुए तुरंत एक बड़ा सैन्य आपरेशन शुरू कर दिया गया।
मौके पर भारी संख्या फोर्स भेजने व सैन्य हैलीकॉप्टर तथा Dron आदि भी भेज दिया, इस दौरान दोनों हीं तरफ से भीषण गोलाबारी की भी रिपोर्ट सामने आती रही, तथा दोनों हीं तरफ से एक-दूसरे पक्ष को अधिक नुकसान पहुंचाने का दावा भी किया जाता रहा, जहां 12 मार्च को शाम तक पाकिस्तान ने कथित तौर पर अपनी जीत का एक तरफा दावा कर दिया, लेकिन 13 मार्च को जब बलूच विद्रोहियों की तरफ से पाकिस्तान के इन सभी दावों को खारिज कर दिया गया तो अभी तक पाकिस्तानी सेना की तरफ से सिर्फ चुप्पी हीं साधने की रिपोर्ट है। वहीं हमारी रिपोर्ट में यह जानकारी मिली है कि पाकिस्तानी सेना द्वारा जब इस आपरेशन को अंजाम दिया जा रहा था तो पहले से ही तय प्लान के अनुसार बलूचों ने इन सभी पाकिस्तानी बंधकों को अपने सुरक्षित ठिकानों पर पहुंचा चुके थे, जहां वें इस ट्रेन को भी छोड़ दिये हैं, अब हमारा इंतज़ार है कि ये बलूच विद्रोही जल्द से जल्द इन बंधकों का कोई नया विडियो रिलीज करते हुए पाकिस्तान के मुंह पर बाकायदे कालिख पोते।