सांकेतिक तस्वीर।
कैनबरा/लंदन। चीन के खिलाफ बना ऑकस एलाएंश अब अपने मिशन को लेकर बेहद सक्रिय है,जहां रिपोर्ट अब सामने आई है कि ब्रिटेन ने ऐलान किया है कि वह अगल हफ्ते ऑस्ट्रेलिया में परमाणु पनडुब्बियों का पहला बेड़ा तैनात करने वाला है। ब्रिटेन के चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ एडमिरल सर टोनी रेडकिन ने कहा है कि अगले हफ्ते सिडनी में एक नौसैनिक सम्मेलन में इस मुद्दे पर एक समझौते पर पहुंचने की उम्मीद है। दरअसल,इन तीनों देशों (अमेरिका,ब्रिटेन,आस्ट्रेलिया) ने चीन की आक्रामकता पर लगाम लगाने के लिए पिछले साल ऑकस समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। इसके तहत अमेरिका और ब्रिटेन ऑस्ट्रेलिया को परमाणु-संचालित पनडुब्बियों के निर्माण के लिए गुप्त तकनीक प्रदान करने वाले थे। यह पनडुब्बियां भी उसी समझौते के तहत ऑस्ट्रेलिया में तैनात की जाएंगी।
बता दे कि ब्रिटेन से मिलने वाली परमाणु पनडुब्बियों को ऑस्ट्रेलिया के पश्चिमी तट पर पर्थ शहर में 2024 तक गश्ती अभियान चलाने के लिए तैनात किया जाएगा। इतना ही नहीं, इन पनडुब्बियों को जरिए ऑस्ट्रेलियाई नौसैनिकों को परमाणु पनडुब्बी को ऑपरेट करने के गुर भी सिखाए जाएंगे। इस काम को ब्रिटिश नौसेना के पनडुब्बी चालक दल के सदस्य अंजाम देंगे। हालांकि,यह अभी साफ नही हो सका है कि ब्रिटिश रायल नेवी की कितनी पनडुब्बियों को ऑस्ट्रेलिया भेजा जा सकता है ? फिलहाल,ब्रिटिश नौसेना ने कहा कि उसकी पनडुब्बियों के सभी ऑपरेशनल डिटेल्स क्लासिफाइड हैं।
दरअसल,सितंबर 2021 में हुए AUKUS समझौते का उद्देश्य ऑस्ट्रेलिया को परमाणु शक्ति संचालित पनडुब्बियों के मामले में आत्मनिर्भर बनाना है। ब्रिटेन और अमेरिका इस समझौते के तहत ऑस्ट्रेलिया को कम से कम 8 परमाणु पनडुब्बियां प्रदान करेंगे। इससे दक्षिण चीन सागर और प्रशांत महासागर में ऑस्ट्रेलिया की नौसैनिक ताकत में जबरदस्त इजाफा होगा। इतना ही नहीं, इस समझौते के तहत तीनों देश आपस में अधिक क्लासिफाइड खुफिया जानकारी को भी साझा कर सकेंगे। इससे प्रशांत महासागर और हिंद महासागर में अमेरिका,ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया और भी करीब आ जाएंगे।