सांकेतिक तस्वीर।
नई दिल्ली/श्रीनगर। भारतीय सेना के आॅपरेशन “विजय” के 23वें वर्षगांठ के अवसर पर जम्मू-कश्मीर दौरे पर पहुंचे देश के रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने दुश्मन को कड़ी चेतावनी देते हुए कहा कि POK भारत का हिस्सा है और इसका हिस्सा बना रहेगा। उन्होंने आगे भी कहा कि यदि कोई युद्ध हुआ तो भारत ही विजेता बनेगा।
दरअसल,देश के रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने यहां ‘कारगिल विजय दिवस’ के 23वें वर्षगांठ के उपलक्ष्य में आयोजित एक सैन्य कार्यक्रम के दौरान कहा, ‘मैं आपको विश्वास के साथ बताना चाहता हूं कि अगर किसी विदेशी ताकत ने हम पर बुरी नजर डाली और युद्ध हुआ तो हम विजयी होंगे।’ उन्होंने कहा कि भारत ने 1947 के बाद से सभी युद्धों में पाकिस्तान को हराया और कड़वी हार के बाद उसने छद्म युद्धों को अंजाम दिया। सिंह ने राष्ट्र को आश्वस्त करते हुए कहा कि सशस्त्र बल भविष्य की सभी चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान और चीन के साथ युद्ध के दौरान जम्मू-कश्मीर के लोग अपनी सेना के साथ खड़े रहे।
इतना ही नहीं उन्होंने जोर देकर आगे यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार का एकमात्र उद्देश्य राष्ट्र के हितों की रक्षा करना है और इसने एक आत्मनिर्भर रक्षा पारिस्थितिकी तंत्र विकसित करने के लिए कई कदम उठाए, जो भविष्य के सभी प्रकार के युद्धों से लड़ने के लिए सशस्त्र बलों को रणनीतिक रूप से अहम स्वदेशी हथियार और उपकरण प्रदान करता है। आजादी के बाद की चुनौतियों का जिक्र करते हुए सिंह ने कहा कि जम्मू और कश्मीर और लद्दाख का पूरा क्षेत्र 1948, 1962, 1965, 1971 और 1999 के युद्धों के दौरान जंग का मैदान बन गया था। इतना ही नहीं उन्होंने आगे यह भी कहा कि शिव स्वरूप बाबा (अमरनाथ) जम्मू-कश्मीर के इस तरफ रहें और POK की तरफ शक्ति स्वरूप (शारदा) रहें,यह कैसे हो सकता है ?
गौरतलब है कि वर्ष 1999 में दुश्मन ने LOC कारगिल में घुसपैठियों के रूप में सैनिकों को भेजा था,जो कि भारतीय सेना के पेट्रोल पार्टी को टारगेट करते हुए हमला कर दिया था,जहां बाद में दुश्मन के इस हरकत का जवाब देने के लिए भारतीय सेना ने आॅपरेशन “विजय” लांच करके इन पाकिस्तानी सैनिकों को खदेड़ दिया था। इस दौरान दुश्मन को भारी नुकसान उठाना पड़ा था,हालांकि भारतीय सेना का भी नुकसान हुआ था,चूंकि दुश्मन एडवांटेज पोस्ट पर था। इस वजह से इंडियन आर्मी को नुकसान झेलना पड़ा था, लेकिन अंत में भारत की जीत हुई। जहां इस विजय को भारतीय सेना हर साल “कारगिल विजय दिवस” के रूप में मनाती है।