सांकेतिक तस्वीर।
काबुल/नई दिल्ली। अमेरिकी सुरक्षा एजेंसियों ने जबसे आॅपरेशन “जवाहिरी” को अंजाम दिया है उसके बाद से ही भारतीय इंटेलीजेंस ऐजेंसियां भी चौकन्नी हो गई है। दरअसल, भारतीय खुफिया एजेंसियों का मानना है कि आतंकी संगठन “अल कायदा” के आतंकी अब खूंखार आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट और उसके क्षेत्रीय सहयोगी इस्लामिक स्टेट खुरासान प्रोविंस (ISKP) साथ जा सकते हैं। क्योंकि अल-कायदा और ISKP दोनों ने हीं भारत में आत्मघाती हमलों की धमकी दे चुके थे।
दरअसल,भारतीय ऐजेंसियों ने मंगलवार को चेतावनी दी कि तालिबान जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा को भी इस तरह की सुरक्षित पनाहगाह दे सकता है। वहीं,अल जवाहिरी की मौत के बाद अब अल कायदा में नेतृत्व का संकट खड़ा हो गया है। इस कारण इसके क्षेत्रीय संगठन अल कायदा इन इंडियन स्टेट,अल-कायदा बांग्लादेश और अंसार अल-इस्लाम की गति और भारत में उनके बढ़ते कदम को भी रोकेगा।
चूंकि भारतीय ऐजेंसियों का आॅकलन है कि अलकायदा के लीडर अयमान अल-जवाहिरी की मौत से भारत में अलकायदा समर्थकों और कैडरों का मनोबल टूट सकता है और वह IS और ISKP में शामिल हो सकते हैं। बता दे कि ISKP काबुल में गुरुद्वारे पर भी हमला कर चुका है और भारतीय संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के मकसद से कई हमले भी किए हैं। अल कायदा और ISKP ने इसी साल जून में दिल्ली, मुंबई, उत्तर प्रदेश और गुजरात में सुसाइड हमले की चेतावनी दी थी। ये चेतावनी पैगंबर मोहम्मद पर नूपुर शर्मा के बयान के बाद दी गई थी।
इसी कड़ी में अमेरिका ने भी अपने नागरिकों को अलर्ट जारी करते हुए सावधान कर दिया है, चूंकि अमेरिकी ऐजेंसियों को आशंका है कि विदेशों में घूमने गए या वहां रह रहे अमेरिकी नागरिकों पर भी अलकायदा के आतंकी हमला कर सकते हैं। ऐसे में इन अमेरिकी नागरिकों अत्यंत सावधान रहना होगा।
गौरतलब है कि बीते 31 जुलाई की सुबह अफगानिस्तान के काबुल में एक घर के बालकनी में टहलने के दौरान अलकायदा चीफ अल जवाहिरी को अमेरिकी फोर्स ने एक स्पेशल स्ट्राइक के दौरान ढेर कर दिया था,हालांकि इस दौरान उस घर के दूसरे हिस्से में जवाहिरी का परिवार भी मौजूद था जिसे कोई नुकसान नहीं हुआ,इस आॅपरेशन की सफलता के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने 48 घंटे बाद इसकी प्रेस ब्रिफिंग किये,वहीं तालिबान ने इसे दोहा समझौता का उल्लंघन मानते हुए अमेरिका के इस कार्यवाही का कड़ा विरोध किया है।