पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप (फाइल फोटो)
वाशिंग्टन। पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मुश्किले बढ़ती ही जा रही है। दरअसल,ट्रंप के फ्लोरिडा स्थित घर पर अमेरिकी ऐजेंसी एफबीआई की छापेमारी को लेकर एक बेहद चौंकाने वाला खुलासा सामने आया है। दावें में बताया गया है कि गुरुवार को ट्रंप के घर छापेमारी परमाणु हथियारों से जुड़े गोपनीय दस्तावेजों को लेकर थी। वहीं,ट्रंप के घर एफबीआई की रेड से अमेरिका की सियासत में भूचाल आ गया है। यहां तक कि जो बाइडन प्रशासन ने अदालत से सर्च वारंट को रद्द करने के लिए कहा है। इस बीच एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में, यूएस अटॉर्नी जनरल मेरिक गारलैंड ने कहा कि उन्होंने इस मामले में तलाशी वारंट लेने के निर्णय को व्यक्तिगत रूप से मंजूरी दे दी है।
बता दें कि एक व्यक्ति ने अमेरिका के सिनसिनाटी में बृहस्पतिवार को संघीय जांच ब्यूरो (एफबीआई) के कार्यालय घुसने की कोशिश की थी और फिर फरार हो गया था। हालांकि मौके से फरार हुए हथियारबंद व्यक्ति को पुलिस ने करीब एक घंटे तक चली मुठभेड़ के बाद राज्य के एक ग्रामीण इलाके में मार गिराया। यह घटना उस समय हुई जब अधिकारियों ने फ्लोरिडा में पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मार-ए-लागो संपत्ति में छापेमारी के बाद संघीय एजेंटों के खिलाफ खतरों में वृद्धि की चेतावनी दी थी।
वहीं,यूएस अटॉर्नी जनरल मेरिक गारलैंड ने अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में परमाणु दस्तावेजों का जिक्र नहीं किया,लेकिन अमेरिकी अखबार वाशिंगटन पोस्ट ने “जांच से परिचित लोगों” का हवाला देते हुए इस बात का जिक्र किया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि ट्रंप के घर एफबीआई की जांच में परमाणु हथियारों से संबंधित गोपनीय दस्तावेज भी शामिल थे जिन्हें अधिकारी खोज रहे थे। रिपोर्ट में यह नहीं बताया गया है कि ऐसा कोई दस्तावेज मिला है या नहीं। कहा जा रहा है कि ये कथित परमाणु हथियारों से जुड़े गोपनीय दस्तावेज अमेरिका के अलावा किसी अन्य देश के भी हो सकते हैं।
उधर,ट्रंप ने परमाणु हथियारों के मुद्दे को एक अफवाह करार देते हुए उन्होंने आरोप लगाया कि खुद एफबीआई ने फंसाने के लिए ऐसा किया होगा। ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया पर पोस्ट किया कि “परमाणु हथियारों का मुद्दा एक छलावा है, ठीक वैसे ही जैसे रूस,रूस,रूस एक छलावा था,दो महाभियोग भी एक छलावा थे,मुलर की जांच भी छलावा थी,और बहुत कुछ है। वही एक जैसे घटिया लोग इसमें शामिल थे।” उन्होंने आगे भी लिखा कि अगर ऐसा नहीं है तो फिर एफबीआई ने हमारे वकील,या अन्य लोगों की मौजूदगी में छापेमारी क्यों नहीं की। ट्रंप ने कहा,”उन्हें (वकील) बाहर गर्मी में इंतजार करने को कहा। घर के पास तक नहीं आने दिया गया। कहीं ऐसा तो नहीं कि खुद एफबीआई कुछ प्लांट कर रही हो।” इससे पहले एक पोस्ट में,उन्होंने यह भी कहा कि वह “गैर-अमेरिकन,अनुचित,और अनावश्यक छापे और मेरे घर में तोड़फोड़ से संबंधित दस्तावेजों को जारी करने का विरोध नहीं करेंगे।”
गौरतलब है कि एफबीआई ने फ्लोरिडा में अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के निजी क्लब और ‘मार-ए-लागो एस्टेट’ पर छापेमारी की। एफबीआई ने राष्ट्रपति कार्यालय से जुड़े दस्तावेजों,जिसमें गोपनीय सामग्री शामिल है, के रखरखाव से जुड़ी जांच के तहत एक तिजोरी को तोड़ा, जिस पर पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति गुस्से से बिफर पड़े। ट्रंप ने इसे वर्ष 2024 में व्हाइट हाउस पहुंचने की उनके प्रयासों में अडंगा लगाने वाला करार दिया।
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति ने एक बयान जारी करते हुए कहा कि फ्लोरिडा के उनके घर में तलाशी चल रही है। उन्होंने कहा, ‘‘यह हमारे देश के लिए बुरा दौर है क्योंकि फ्लोरिडा के पाम बीच में मार-ए-लागो के मेरे खूबसूरत घर पर एफबीआई एजेंट के एक बड़े समूह ने घेराबंदी की, छापा मारा और उसे कब्जे में ले लिया है। अमेरिका के किसी राष्ट्रपति के साथ पहले ऐसा कुछ कभी नहीं हुआ।’’
वहीं,अमेरिकी मीडिया की रिपोर्ट्स में यह दावा किया गया है कि एफबीआई की तलाशी 15 संदूकों में रखे गये उन दस्तावेजों से संबंधित थी जो ट्रम्प जनवरी 2021 में व्हाइट हाउस छोड़ने पर मार-ए-लागो में ले गए थे ,जिनमें से कुछ दस्तावेज को राष्ट्रीय अभिलेखागार ने गोपनीय दस्तावेज के रूप में चिह्नित किया था। न्याय विभाग और एफबीआई ने फिलहाल छापेमारी पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है। ट्रंप ने कहा, ‘‘संबंधित सरकारी एजेंसियों के साथ पूरा सहयोग करने के बावजूद, मेरे घर पर बिना बताए छापा मारना उचित नहीं है।’’
दरअसल, अमेरिका का न्याय मंत्रालय इस बात की तफ्तीश कर रहा है कि क्या ट्रंप ने 2020 में व्हाइट हाउस छोड़ने के बाद अपने फ्लोरिडा स्थित आवास पर गोपनीय रिकॉर्ड छिपाए हैं ? ट्रंप ने कहा, ‘‘उन्होंने मेरी तिजोरी तक तोड़ दी। इसमें और वाटरगेट में क्या फर्क है ?…
फिलहाल,ट्रंप इस घटनाक्रम को भले ही एक साजिश करार दें रहे हैं लेकिन हालात ट्रंप के खिलाफ है। ऐसे में ट्रंप की मुश्किलें आगे और भी बढ़ेंगी।