एक्सक्लूसिव रिपोर्ट

नैंसी के बाद अब अमेरिकी सांसदो ने भी चीन को चिढ़ाते हुए की ताइपे यात्रा, हमेशा की तरह भढ़कने वाला चीन अब कुछ खामोश सा है – हेमंत सिंह/नित्यानंद दूबे


चीनी युद्धपोत, साभार-(सोशल मीडिया)

वाशिंग्टन/ताइपे। अभी दो सप्ताह पहले ही अमेरिकी स्पीकर नैंसी के ताइपे विजिट को लेकर बौखलाये चीन ने यहां तक धमकी दे दिया था कि नैंसी के के साथ कुछ भी हो सकता है,और नैंसी के विजिट के बाद उसने लाइव फायर नाम से ताइवान के चारों तरफ ड्रिल शुरू कर दिया। तनाव इतने चरम पर था कि किसी भी समय युध्द हो सकता है। आज चीन को फिर चिढ़ाते हुए अमेरिकी सांसदो का एक डेलिगेशन टीम ताइपे पहुंचा है। और हमेशा धमकाने वाला चीन अब कुछ शांत सा दीख रहा है।

बता दे कि यूएस सांसदों के ताइवान पहुंचने पर वहां के नेता युई ने उनका स्वागत कर कहा कि हम अपने पुराने मित्र और अटूट समर्थन के लिए समान विचारधारा वाले सांसदों का धन्यवाद देते हैं। चूंकि,अमेरिकी स्पीकर नैंसी पेलोसी की ताइपे यात्रा के बाद चीन और अमेरिका के रिश्ते बहुत ही नाजुक मोड़ पर पहुंच चुके हैं। नैंसी पेलोसी की यात्रा को चीन की सरकार ने उकसावे वाला कदम बताते हुए उनकी संप्रभुता का उल्लघंन करार दिया था।

वहीं,चीन की तमाम धमकियों को धता बताते हुए आज यानी रविवार को यूएस कांग्रेस सांसदों का एक प्रतिनिधिमंडल थोड़ी देर पहले विशेष विमान से ताइवान की राजधानी ताइपे पहुंचा है।

उधर,भारत ने ताइवान मुद्दे पर तनाव घटाने और इलाके में शांति और स्थिरतास बनाए रखने की अपील की है। भारत ने कहा कि हम यथास्थिति को बदलने वाली एकतरफा कार्रवाई करने से दूर रहने और संयम बनाए रखने की गुजारिश करते हैं।

भारत के इस बयान पर धन्यवाद जताते हुए ताइवान ने कहा कि वह भारत सहित सभी समान विचारधारा वाले देशों के साथ समन्वय बनाए रखते हुए अपनी आत्मरक्षा की क्षमताओं में वृद्धि को जारी रखेगा। जिससे अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था को बनाए रखा जा सके।

फिलहाल,चीनी नौसेना अभी भी ताइवान के चारों तरफ अपने सैन्य ड्रिल को जारी रखे हुई है तो वही फ्रंट पर दुश्मन को नेस्तनाबूद करने के लिए ताइवानी फोर्स भी ड्रिल पर है। चीन के इस हरकत पर पहले ही अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन चौंकाने वाला दावा कर चुके हैं कि चीन युद्ध नहीं करेगा सिर्फ ड्रिल तक हीं सीमित रहेगा। फिर भी ऐतिहात बरतना जरूरी है। अब ऐसे में अभी नैंसी के विजिट से बौखलाये चीन का तनाव कम नहीं हुआ था कि उसे चिढ़ाते हुए अमेरिकी सांसदो का एक समूह ताइपे पहुंच गया।

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