सांकेतिक तस्वीर।
वाशिंग्टन। रूस-यूक्रेन जंग और चीन-ताइवान के बीच जारी भीषण तनातनी के दौरान अब अमेरिका ने उत्तर कोरिया के तमाम चेतावनियों को दरकिनार करते हुए दक्षिण कोरिया के साथ सोमवार को एक बड़ी ज्वाइंट मिलिट्री ड्रिल शुरू कर दिया है। दरअसल,उत्तर कोरिया की बढ़ती परमाणु धमकी के बीच दोनों देशों ने यह कदम उठाया है और इस ड्रिल को अपनी सुरक्षा का हवाला दिया है। बता दे कि यह पिछले कुछ वर्षों में दोनों देशों का अब तक का सबसे बड़ा ज्वाइंट ड्रिल है। वहीं,इस ज्वाइंट ड्रिल को लेकर विशेषज्ञों ने उत्तर कोरिया को लेकर संभावना व्यक्त किया है कि वह आक्रोशित प्रतिक्रिया दे सकता है।
बता दे इस ज्वाइंट ड्रिल को ‘उल्ची फ्रीडम शील्ड’ नाम दिया गया है। और यह ड्रिल दक्षिण कोरिया में एक सितंबर तक जारी रहेगा। जहां इसमें लड़ाकू विमानों,युद्धक जहाजों, टैंकों और संभावित रूप से हजारों सैनिकों के साथ अभ्यास किया जाएगा। इसे अमेरिका और दक्षिण कोरिया ने अपने अभ्यासों को रक्षात्मक बताया है जबकि उत्तर कोरिया इन्हें आक्रमण का अभ्यास मान रहा है।
उल्लेखनीय है कि अमेरिका और दक्षिण कोरिया ने उत्तर कोरिया के साथ कूटनीति के माध्यम से बातचीत करने के चलते अपने नियमित अभ्यासों में से कुछ को रद्द कर दिया था। इसे लेकर कोविड-19 वैश्विक महामारी संबंधी चिंताओं को भी जिम्मेदार बताया गया। उत्तर कोरिया ने पिछले सप्ताह दक्षिण कोरियाई राष्ट्रपति यून सुक योल की उस पेशकश ठुकरा दिया था जिसमें परमाणु निरस्त्रीकरण के कदम उठाने के बदले में उसे आर्थिक लाभ देने की बात कही गई थी।
फिलहाल,जिस तरह से दुनिया इस समय जंग के माहौल को महसूस कर रही है इससे यही लग रहा है कि वह दिन अब दूर नहीं है कि जब दुनिया के तमाम देश युद्ध झेलेंगें,क्योंकि अभी तो रूस-यूक्रेन चल ही रहा है जो कि पिछले 6 महिनों से उपर हो चली है जिसमें पूरी दुनिया दोनों पक्षों में किसी न किसी रूप में शामिल दीख रही है तो वही चीन-ताइवान भी तनाव के अंतिम छोर पर है यानि इन दोनों देशों के बीच कभी भी जंग छिड़ सकती है। अब बात करते हैं मिडिल-ईस्ट को लेकर तो इजरायल और ईरान भी आपस में भारी तनाव का सामना कर रहे हैं,जहां इस तनाव के दौरान दोनों पक्ष पूरी तैयारी पर है यानि इन दोनों के बीच कभी भी जंग शुरू हो सकती है। अब ऐसे में दक्षिण कोरिया के साथ अमेरिका का यह ड्रिल उत्तर कोरिया को भढ़काने के लिए काफी साबित होगा। हालांकि, उत्तर कोरिया का बहुत पहले से ही झुकाव व लगाव रूस के साथ है। ऐसे में उत्तर कोरिया खुद को कहीं से कमजोर नहीं समझता,यही वजह है कि वह कभी भी अमेरिका से भयभीत नहीं हुआ। यानि हालात तीसरे विश्वयुद्ध की तरफ खुलकर इशारा कर रहे हैं।