इन्वेस्टिगेटिव रिपोर्ट

भारत के डोजियर को पाकिस्तान हमेशा करता रहा खारिज, तो उसे संतुष्ट करने के चक्कर में गलती से फायर होने वाले मिसाइल घटनाक्रम में 3 सैन्य अधिकारियों को क्यों किया गया बर्खास्त ? – चंद्रकांत मिश्र (एडिटर इन चीफ)


सांकेतिक तस्वीर।

नई दिल्ली। आजादी से लेकर आज तक भारत के खिलाफ पाकिस्तान द्वारा किये गये तमाम कुकृत्यों के संबंध में भारत सरकार की तरफ से इस्लामाबाद को तमाम डोजियर सौंपे गए,जिन्हें पाकिस्तान लगातार खारिज करते हुए रद्दी की टोकरी में फेंक दिया करता था। जबकि जो भी डोजियर होते थे उनमे भारत की व्यापक जनहानि से संबंधित साक्ष्य भी संलग्न होते थे फिर भी ये भारतीय डोजियर पाकिस्तान पर ना ही कोई दबाव बना पाते थे और ना ही कोई प्रभाव। ऐसे में इस साल के बीते 9 मार्च को भारत की एक ब्रह्मोस मिसाइल जो कि बिना वाॅरहेड की थी जो पाकिस्तान के मियां चन्नू शहर में गिरी थी। जहां भारत की तरफ से कहा गया कि गलती से फायर हुई है मिसाइल,जहां अमेरिका ने भी भारत का समर्थन किया था। वहीं,भारत सरकार के निर्देश पर इंडियन एयरफोर्स ने इस संबंध में कोर्ट आफ इंक्वायरी के शुरु कर दी। जहां इस दौरान इंडियन एअरफोर्स ने तीन वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों को दोषी करार करते हुए बर्खास्त कर दिया है। जहां भारत सरकार के इस निर्णय का “सीक्रेट-आॅपरेशन” न्यूज पोर्टल समूह लगातार असहमति जाहिर करने का निर्णय लिया है।

बताते चले कि भारत में आज तक जितने भी आतंकी हमलें हुए उन सभी हमलों में पाकिस्तान की संलिप्तता लगातार रही है। जिसका कि सबूत भी मिले। जिसके आधार पर भारतीय ऐजेंसियों ने समय-समय पर इसका डोजियर भी इस्लामाबाद को इस आशय से उपलब्ध कराती रही है ताकि एक जिम्मेदार देश के रूप में पाकिस्तान इस भारतीय डोजियर का संज्ञान लेते हुए संबधितों के विरूद्ध आवश्यक कार्यवाही करे,लेकिन दावा है कि पाकिस्तान ने कभी भी ऐसे इन डोजियर का ना तो संज्ञान नहीं लिया और ना ही कोई कार्यवाही किया।

लेकिन भारत सरकार ने वैश्वविक समुदाय में अपनी बेस्ट ईमेज बनाने के चक्कर में बीते 9 मार्च को गलती से बिना वार हेड के पाकिस्तानी इलाकें में भारतीय मिसाइल जा गिरी थी,जिसमें कि किसी के हताहत होने की कोई रिपोर्ट सामने नहीं आई थी। इसके बावजूद भारत सरकार के निर्देश पर जांच के बाद भारतीय वायु सेना के तीन वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों को बर्खास्त कर दिया गया। बर्खास्त होने वालो में एक ग्रुप कैप्टन,एक विंग कमांडर और एक स्क्वाड्रन लीडर शामिल हैं।

दरअसल,जब यह घटना घटी थी तो उसके बाद ही पाकिस्तानी सेना के मीडिया विंग इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशन्स (ISPR) के DG मेजर जनरल बाबर इफ्तिखार ने घटना के ही दिन एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में इसका खुलासा करते हुए बताया था कि भारत की तरफ से जो चीज हमारे देश पर दागी गई,उसे आप सुपरसोनिक फ्लाइंग ऑब्जेक्ट या मिसाइल कह सकते हैं।

हालांकि,मेजर जनरल बाबर द्वारा इस दौरान यह भी साफ कर दिया गया था कि इसमें किसी तरह का कोई हथियार या बारूद नहीं था। लिहाजा,किसी तरह की तबाही नहीं हुई। बता दे कि बाबर की प्रेस कॉन्फ्रेंस से पहले,पाकिस्तानी मीडिया में इस तरह की खबरें थीं कि भारत का कोई प्राइवेट एयरक्राफ्ट मियां चन्नू इलाके में क्रैश हुआ है। पाकिस्तानी फौज भी घटनास्थल को मुल्तान के पास मियां चन्नू ही बता रही थी।

फिलहाल,भारतीय वायुसेना के बर्खास्त किये गये तीनों सैन्य अधिकारियों के साथ “सीक्रेट आॅपरेशन” न्यूज पोर्टल समूह पूरी तटस्थता के साथ खड़ा है,ऐसे में देश के सभी जिम्मेदार गैर सरकारी संगठनों,राजनैतिक दलों, बुद्धजीवियों से अनुरोध हैं कि इस लड़ाई में साथ दे तथा केंद्र सरकार से संपर्क स्थापित करते हुए संबंधित प्रकरण में पुनः विचार का सरकार को सुझाव दे ताकि इन सैन्य अधिकारियों के साथ न्याय हो सके,हालांकि हम इस मुद्दे को लगातार उठाते रहेंगे।

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