एक्सक्लूसिव रिपोर्ट

ईराक में जारी भीषण हिंसा में कइयों के मारे जाने व घायल होने की रिपोर्ट, हिंसा में ईरान समर्थित आतंकियों के भी शामिल होने की खबर, दुनिया में जारी जंगी तनाव के बीच अमेरिका को डायवर्ट करने की हो सकती है कोशिश – विजयशंकर दूबे/राजेंद्र दूबे


सांकेतिक तस्वीर।

बग़दाद। इराक के शिया धर्मगुरु मुक़्तदा अल सदर के इस्तीफे के बाद इराक की राजधानी बगदाद में सोमवार को भयानक हिंसा होने की रिपोर्ट सामने आई है। यहां विरोध-प्रदर्शन किए जाने लगे और देखते ही देखते भारी हिंसा भड़क उठी। जहां इस दौरान अल सदर के समर्थकों और इराकी सुरक्षाबलों के बीच हुई भीषण हिंसा में 20 लोगों की मौत होने की खबर है जबकि 300 लोग घायल हुए हैं। इतना ही नहीं रातभर बगदाद के ग्रीन जोन में एरिया में रॉकेट भी दागे जाते रहे है। वहीं,इस बीच यह भी दावा सामने आया कि इस हिंसा के पीछे ईरान समर्थित आतंकी भी है जो इस हिंसा को भढ़काने में और भी भीषण तरीके से अंजाम दे रहे हैं।

बताया जा रहा है कि अल सदर के इराक में राजनीति से संन्यास लेने की घोषणा किए जाने के बाद उनके समर्थक सड़कों पर उतर आए और विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। इसी दौरान ईरान समर्थक संगठनों ने भी हमला बोल दिया जिसके बाद प्रदर्शनकारी हिंसक हो उठे। तनावपूर्ण माहौल को देखते हुए पूरे इराक में कर्फ्यू लगाना पड़ा है और पूरे शहर के चप्पे-चप्पे पर सेना तैनात कर दी गई है।

इतना ही नहीं बगदाद में अमेरिकी एंबेसी के पास इराकी कत्युषा में भी रॉकेट दागे गए। बगदाद में लगतार धमाकों की आवाजें आ रही हैं। एक रॉकेट अमेरिका एंबेसी के पास गिरने की भी खबर है। हालात इस कदर है कि बगदाद के राष्ट्रपति आवास और सरकारी भवनों पर भी रॉकेट दागे गए हैं। बगदाद के सेंट्रल जोन इलाके में रॉकेट से हमला किए जाने की खबर है। इतना ही नहीं प्रदर्शनकारी बगदाद में राष्ट्रपति भवन में भी घुस आए।

इस दौरान दोनों गुटों के आतंकवादी भी आमने-सामने आ गए और इराकी शिया उग्रवादी संगठन के कमांडर अबू अजराएल, जिसे इराक का रैंबो भी कहा जाता है उसके घर पर ईरान समर्थित आतंकवादी संगठन ‘सराया अस-सलाम’ का आतंकी फायरिंग करता दिखा। वहीं अल सदर समर्थित उग्रवादी गुट सराया अस-सलाम ने इरान समर्थित शिया उग्रवादी गुट अल-हक के बगदाद और बसरा मुख्यालय को भी फूंक दिया। जिसके बाद वहां से आग की ऊंची ऊची लपटें उठती दिखीं।

बता दे कि बगदाद के सड़कों पर रातभर बख्तरबंद गाड़ियों पर तैनात जवान गश्त करते दिखे, मुक़्तदा अल सदर के समर्थक भी पीछे नहीं हटे. हालात ऐसे बन गए कि पूरा शहर ही हिंसा की चपेट में आ गया। इससे पहले प्रदर्शनकारियों ने पूरे शहर को अपने कब्जे में ले लिया था और जगह-जगह आगजनी शुरू कर दी गई थी। रास्ते जाम कर वहां की संसद को भंग करने की मांग करने लगे थे। वहीं अल सदर के कुछ समर्थक राष्ट्रपति के अंदर बने स्विमिंग पुल में मस्ती करते हुए भी नजर आए।

वहीं,इस भीषण हिंसा के चलते अमेरिकी दूतावास के सभी स्टाफ सतर्क हो गए,यहां तक कि दूतावास में रडार सिस्टम और डिफेंस सिस्टम मिसाइलों को भी एक्टिव कर दिया गया है। इस पूरे घटनाक्रम का यदि बहुत गंभीरतापूर्ण तरीके से विश्लेषण किया जाये तो साफ हो जाता है कि इस हिंसा का गहरा संबंध रूस-यूक्रेन जंग, चीन और ताइवान के बीच जारी तनातनी तथा इजरायल ईरान के बीच जारी तनाव है, चूंकि इन देशों के बीच जारी तनातनी और युध्द के केंद्र में अमेरिका ही है और अमेरिका का एक बड़ा मिलिट्री बेस भी इराक में ही है। इसीलिए ऐसे में सहज हीं अंदाजा लगाया जा सकता है कि अमेरिका को डायवर्ट करने की यह कोशिश हो सकती है।

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