सांकेतिक तस्वीर।
काबुल/इस्लामाबाद। कई मुद्दों को लेकर लगभग एक साल से तालिबान और पाकिस्तान के बीच भीषण तनातनी जारी है, जहां इस दौरान तालिबान के उस आरोप पर पाकिस्तान ने सार्वजनिक रूप से कड़ा ऐतराज जताया जिसमें तालिबान द्वारा कहा गया था कि इस्लामाबाद अमेरिका को अपनी धरती से अफगानिस्तान के भीतर ड्रोन संचालित करने की इजाजत दे रहा है। जहां इस आरोप के सामने आने के बाद इस्लामाबाद ने साफ किया कि इस तरह का आरोप द्विपक्षीय संबंधों के लिए हानिकारक होगा।
बता दे कि पाकिस्तान,अफगानिस्तान के कार्यवाहक रक्षा मंत्री मुल्ला मुहम्मद याकूब के आरोपों से बेहद निराश है,जो पिछले अफगान प्रशासन की उसी मानसिकता को दर्शाता है,जिसने इस्लामाबाद पर मूर्खता करने का आरोप लगाया था। दरअसल, अफगानिस्तान के तालिबानी रक्षामंत्री मुल्ला मुहम्मद याकूब ने पिछले हफ्ते ही यह आरोप लगाया था कि पाकिस्तान अमेरिका को अपनी धरती से ड्रोन संचालित करने की अनुमति दे रहा है।
वहीं,तालिबान के इस बयान का संज्ञान लेते हुए पाकिस्तान के विदेश कार्यालय के प्रवक्ता असीम इफ्तिखार ने आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि पाकिस्तान ने अफगानिस्तान के कार्यवाहक रक्षा मंत्री द्वारा अफगानिस्तान में अमेरिकी आतंकवाद विरोधी ड्रोन ऑपरेशन में पाकिस्तान के हवाई क्षेत्र का उपयोग करने के आरोप को गहरी चिंता के साथ नोट किया था। उन्होंने कहा, ‘किसी भी सबूत के अभाव में, जैसा कि खुद अफगान मंत्री ने स्वीकार किया है, इस तरह के अनुमानित आरोप बेहद खेदजनक हैं और जिम्मेदार राजनयिक आचरण के मानदंडों की अवहेलना करते हैं।’
गौरतलब है कि इस पूरे विवाद की शुरुआत आतंकी संगठन अल कायदा के सरगना अल जवाहिरी की मौत से हुई है। क्योंकि इस साल के जुलाई माह के अंत में अफगानिस्तान के काबुल में एक संदिग्ध मकान पर अमेरिकी ऐजेंसियों ने एक ड्रोन स्ट्राइक के दौरान अल कायदा के सरगना अल जवाहिरी को मार गिराने का दावा किया था। अमेरिका के इस ड्रोन आॅपरेशन की रिपोर्ट जैसे ही सामने आया तो तालिबान ने इसे दोहा समझौता का उल्लंघन बताया। इतना ही नहीं तालिबान ने अमेरिका से तरह-तरह के सवाल भी करना शुरू कर दिया जिसमें तालिबान की तरफ से कहा गया कि जवाहिरी की डेडबाडी कहा है ? जिसे लेकर अमेरिका ने कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया। जहां इस दौरान तालिबान की तरफ से यह भी खुलासा किया गया कि उसके सारे रडार सिस्टम अमेरिका देश छोड़ते समय उठा ले गया था जिस वजह से तालिबान के इलाके के एअरस्पेस में कौन-कौन घुस रहा है ? उसे मालूम नहीं हो पा रहा है। जहां इसी बीच तालिबान की खुफिया ऐजेंसी ने रिपोर्ट किया कि पाकिस्तान,अमेरिका की पूरी मदद कर रहा है और उसी के इलाकें से अमेरिकी ड्रोन अफगानिस्तान की सीमा में घुस कर तमाम आॅपरेशन को अंजाम दे रहे हैं। जिसे लेकर अब तालिबान और पाकिस्तान आमने-सामने है।