एक्सक्लूसिव रिपोर्ट

लद्दाख बार्डर पर जारी तनातनी के बीच 16वें दौर की बातचीत के बाद दुश्मन पीछे हटने के लिए हुआ तैयार, कई मोर्चों पर एक साथ उलझना ठीक नहीं समझा चीन, शायद इसीलिए पीछे हटने का लिया निर्णय – अमरनाथ यादव/गौरव बरनवाल


सांकेतिक तस्वीर।

नई दिल्ली। पूर्वी लद्दाख बार्डर पर दुश्मन के साथ जारी तनातनी के बीच 16वें दौर की बातचीत के बाद गुरुवार को भारत और चीन की सेनाओं ने गोगरा-हॉट स्प्रिंग्स से पीछे हटने पर सहमति जता दी है। जहां इस दौरान दोनों देशों की सेनाएं पीछे हटना शुरू भी कर दिया है। दरअसल,भारतीय सेना की तरफ से यह दावा किया गया कि सीमावर्ती इलाकों में शांति बनाए रखने को लेकर चीन ने भी प्रतिबद्धता जताई है।

बता दे कि पिछले काफी समय से LAC बार्डर पर भारत-चीन के बीच तनातनी जारी है,जहां इस दौरान दोनों देशों के बीच अब तक 15 दौर की बातचीत बेनतीजा रही। लेकिन इस साल जुलाई में शुरू हुई कोर कमांडर स्तर की वार्ता के 16वें दौर के दौरान बनी सहमति के अनुसार,यह कदम शांति पूर्ण वातावरण स्थापित करने के लिए किया जा रहा है।

वहीं,इस दौरान भारतीय रक्षा मंत्रालय ने भी कहा कि आज भारत चीन कोर कमांडर स्तर की बैठक के 16 वें दौर में बनी आम सहमति के अनुसार, गोगरा-हॉटस्प्रिंग्स (पीपी -15) के क्षेत्र में भारतीय और चीनी सैनिकों ने सुनियोजित तरीके से पीछे हटना शुरू कर दिया है, जो शांति के लिए अनुकूल है और इससे सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति भी बरकरार रहेगी।

बता दे कि चीन की तरफ से यह फैसला ऐसे समय पर लिया गया है कि जब चीन खुद कई मोर्चों पर उलझा हुआ है,मसलन ताइवान और जापान। जहां इस दौरान चीन के दुश्मन देशों को अमेरिका की तरफ से लगातार बड़ी मदद मिल रही है। ऐसे में चीन को बैकफुट पर आना स्वभाविक है,क्योंकि अमेरिका ने चीन को एक तरह से कई फ्रंट पर घेर रखा है। अब ऐसे में एक साथ सीमा पर कई देशों से उलझना बुध्दिमानी नहीं है। शायद इसीलिए चीन 16वें दौर की बातचीत में शांति की दुहाई देते हुए पीछे हटने का निर्णय लिया है।

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