एक्सक्लूसिव रिपोर्ट

खारकीव के कई हिस्सों पर यूक्रेन ने किया दोबारा कब्जा, रूस ने भी मानी इस फ्रंट पर हार, विशेषज्ञों ने कहा जंग का टर्निंग प्वाइंट – सतीश उपाध्याय/रविशंकर मिश्र


फाईल फोटो, साभार (सोशल मीडिया)

मॉस्को/कीव। पिछले 6 महिनों से अधिक समय से युद्ध की भीषण त्रासदी झेल रहे यूक्रेन अब रूसी फौज पर हावी होता दीख रहा है। जहां इस दौरान अब यूक्रेनी सेना धीरे-धीरे उन इलाकों को फिर से छीनती जा रही है जिस पर इस जंग के दौरान रुसी फौज कब्जा जमाई हुई थी। बता दे कि अभी हाल ही में ही यूक्रेनी सेना ने रूसी सैनिकों को खारकीव के आसपास के इलाकों से पीछे ढकेल दिया है। जिसे एक बड़े जीत के रूप में देखा जा रहा है। वहीं,एक दिन बाद रूस ने भी स्वीकार किया है कि उसकी सेना यूक्रेन के दूसरे सबसे बड़े शहर खारकीव के दक्षिण-पूर्व इलाके से पीछे हट चुकी है।

बता दे कि खारकीव क्षेत्र में रूस समर्थित प्रशासन के प्रमुख विटाली गांचेव के हवाले से यह दावा किया गया कि दुश्मन को जितना संभव हो सके देरी हो रही है,लेकिन कई बस्तियां पहले ही यूक्रेनी सशस्त्र बलों के नियंत्रण में आ गई हैं। यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की ने बाद में कहा कि कीव की सेनाओं ने अब तक खारकीव क्षेत्र में 30 से अधिक बस्तियों को मुक्त कराया है और पूर्वी डोनबास क्षेत्र में लड़ाई जारी है। दरअसल,उन्होंने एक वीडियो संबोधन में कहा कि हमारी सेना, खुफिया यूनिट और सिक्योरिटी सर्विसेज कई इलाकों में रूस के साथ जंग लड़ रही हैं। उन्हें इसमें सफलता भी मिल रही है।

इतना ही नहीं विटाली गांचेव ने आगे भी कहा कि उनका प्रशासन प्रांत में रूस के मुख्य गढ़ और लॉजिस्टिक बेस इजियम सहित अन्य शहरों से नागरिकों को निकालने की कोशिश कर रहा है। वहीं,जेलेंस्की के सलाहकार ओलेक्सी एरेस्टोविच ने सोशल मीडिया पर पोस्ट किए गए एक वीडियो में कहा कि इजियम में रूसी सैनिक लगभग अलग-थलग हो चुके थे। एरेस्टोविच ने फ्रंट लाइन से आई रिपोर्ट का भी जिक्र करते हुए दावा किया कि अब तक सैकड़ों रूसी मारे जा चुके हैं और कई सौ से अधिक लोगों को बंदी बना लिया गया है।

चूंकि 24 फरवरी से ही रूसी सेना यूक्रेन के अलग-अलग इलाकों में मौजूद है। जहां इस दौरान राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा था कि वह यूक्रेन को निशस्त्रीकरण के लिए स्पेशल मिलिट्री ऑपरेशन चला रहे हैं। इसका मकसद यूक्रेन को नाजीवाद से मुक्त करवाना है। हालांकि, यूक्रेन का दावा है कि पुतिन आतंकवाद फैलाने की कोशिश कर रहे हैं। इतना ही नहीं, नाटो देश और यूक्रेन का आरोप है कि पुतिन आज भी साम्राज्यवादी शैली का इस्तेमाल कर विस्तारवाद की नीति को बढ़ावा दे रहे हैं। फिलहाल, यूक्रेनी सेना की खारकीव जीत ने रूसी फौज की कलई खोल कर रख दी है। अब ऐसे में यूक्रेन का मनोबल बढ़ा हुआ है, क्योंकि विशेषज्ञों ने इस जीत को इस जंग का टर्निंग प्वाइंट करार दे दिया है। अब आगे क्या होगा ? यह तो आने वाला वक्त हीं बता सकता है।

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