सांकेतिक तस्वीर।
वाशिंग्टन। जब 21 साल पहले 11 सितंबर 2001 को दुनिया के सबसे बड़े देश अमेरिका पर आतंकी संगठन अल कायदा का तत्कालीन सरगना ओसामा बिन लादेन ने भयानक आतंकी हमला किया था। उस दिन को याद कर लोग आज भी सहम जाते हैं। इस दिन दुनिया ने खूनी आतंक और दहशत का सबसे भयावह रूप देखा था। पल भर में कई परिवार उजड़ गए। इस दौरान सैकड़ों लोगों बेमौत कत्ल कर दिये गए। हालांकि,बाद में अमेरिकी ऐजेंसियों ने इस हमले को अंजाम देने वाले आतंकियों को ढूंढ ढूंढकर मारा,जिनमें हमले का मास्टर माइंड लादेन भी था।
बता दे कि 11 सितंबर 2001 को अमेरिका के न्यूयॉर्क की शान मानी जाने वाली इमारत वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर अलकायदा आतंकी संगठन के सरगना बिन लादेन के आदेश पर दो विमानों के जरिये हमला कर दहशत फैला दिया गया था, यह हमला सुबह करीब 8.30 बजे के दौरान 45 मिनट के अंदर ही 110 मंजिला वर्ल्ड ट्रेड सेंटर की दो इमारतें ताश के पत्तों की तरह ढेर हो गई।
दरअसल, इस खतरनाक हमलें को अंजाम देने के लिए अलकायदा के आतंकियों ने 4 यात्री विमान पहले से ही अगवा कर लिया था। इसके बाद प्लान के मुताबिक सुबह 8.46 बजे आतंकियों ने अगवा किये हुए अमेरिकी विमान संख्या 11 को वर्ल्ड ट्रेड सेंटर के नॉर्थ टावर से टकराकर तबाही मचा दी, फिर उसी समय सुबह 9.03 बजे आतंकियों ने दूसरे प्लेन फ्लाइट संख्या 175 को वर्ल्ड ट्रेड सेंटर के साउथ टावर से टकरा दिया। इससे पूरा अमेरिका थर्रा गया। वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर 2 विमान टकराने के बाद आतंकियों ने करीब 10.03 बजे के करीब तीसरे विमान को अमेरिकी रक्षा विभाग के मुख्यालय पेंटागन में टकरा दिया था और चौथा विमान एक खेत में दुर्घटनाग्रस्त पाया गया।
इस खतरनाक आतंकी हमले में कुल 2974 लोगों की जान चली गई थी। मरने वालों में दुनिया के 70 विदेशी नागरिक भी शामिल थे जो दूसरें देश के थे। बता दे कि इस आतंकी हमले में जान गंवाने वालों में 343 दमकल विभाग और 60 पुलिस अधिकारी भी शामिल थे। हमले के वक्त डब्ल्यूटीसी परिसर के भीतर करीब 18,000 लोग मौजूद थे। आनन फानन में ज्यादातर लोगों को परिसर से सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया था, उस दिन न्यूयॉर्क में कुल 2,753 लोगों की जान गई थी। भयावह घटना को अंजाम देने वाले 19 आतंकियों की भी मौत हुई थी।
इस खौंफनाक हमले को अंजाम देने वाले अल कायदा के सरगना ओसामा बिन लादेन के 19 हाइजैकर्स में से 15 सऊदी अरब के रहने वाले थे इसके अलावा बाकी आतंकी यूएई, मिस्र और लेबनान के रहने वाले थे। मीडिया रिपोर्ट में बताया गया कि इन 19 आतंकियों का सरगना मिस्र का रहने वाला मोहम्मद अत्ता था जो एक पायलट भी था। वो भी बाकी आतंकियों के साथ मारा गया था। इस हमले का सहयोगी मास्टर माइंड खालिद शेख मोहम्मद था, जो ओसामा बिन लादेन का खास दोस्त था। जिसे बाद में अमेरिका ने एक सैन्य ऑपरेशन के दौरान मार गिराया,वहीं कई सालों बाद ओसामा बिन लादेन भी अमेरिकी सुरक्षा एजेंसियों के हाथों मारा गया। हालांकि उस हमले में और भी कई प्रमुख आतंकी थे जो अभी भी अमेरिका के हत्थे नहीं चढ़ सके हैं। लेकिन बिन लादेन का सेकेंड इन कमांड अल जवाहिरी अभी हाल ही में 31 जुलाई 2022 को अमेरिका के हाथों मारा गया है जिसे लेकर तालिबान और अमेरिका के बीच तनाव बढ़ गया है। फिलहाल, 21 साल पहले हुए इस आतंकी हमले की याद ताजा होते ही लोग आज भी सहम उठते है, क्योंकि यह अबतक का सबसे बड़ा आतंकी हमला था वो भी दुनिया के सबसे बड़े सुपरपावर पर।