स्पेशल रिपोर्ट

रूसी फौज यूक्रेन के कई फ्रंट से लगातार हट रही है पीछे, “सीक्रेट आॅपरेशन” न्यूज पोर्टल पहले ही अपने 1 मार्च के अंक में घोषित कर चुका है जंग का परिणाम – चंद्रकांत मिश्र (एडिटर इन चीफ)


फाईल फोटो, साभार-(सोशल मीडिया)

मॉस्को/कीव। जब इस साल 24 फरवरी को रूसी फौज क्रेमलिन के निर्देश पर यूक्रेन पर धावा बोली तो दुनिया के कई देशों के तमाम मीडिया हाऊस और वहां के एक्स आर्मी अफसर इस जंग को रूस के पक्ष में एक तरफा जीत घोषित करने में जुट गए। हद तो तब हो गई जब इसी बीच 1 मार्च को अमेरिका ने एक सेटेलाईट ईमेज के हवाले से दावा किया कि रूसी फौज का एक 65 किलोमीटर की मिलिट्री कानवाई जो कि यूक्रेन की राजधानी कीव की तरफ बढ़ रही है। बस फिर क्या था ये तमाम एक्स आर्मी अफसर और ये मीडिया हाऊस अपना गला फाड़ने में लग गये कि अब सिर्फ कुछ घंटों का यूक्रेन मेहमान है,चंद घंटों में कीव गिर जायेगा यहां तक कि यही रात अंतिम यही रात भारी के गीत भी बजने लगे थे। लेकिन उस समय भारत का सिर्फ एकमात्र न्यूज पोर्टल “सीक्रेट आॅपरेशन” था जो कि उस समय इन सभी दावें को खारिज करते हुए अपना दावा किया कि दो मार्च का सुबह का सूरज यूक्रेन हर हाल में देखेगा,और कीव नहीं गिरेगा,तथा आने वाले लंबे समय तक यूक्रेन मैदान ए जंग में डंटा रहेगा। और आज यह जंग छ महिने से उपर हो चली है। जहां इस दौरान पिछले कुछ दिनों से जंग का परिणाम अब यूक्रेन के पक्ष में साफ-साफ दिख रहा है।

फाईल फोटो, साभार-(सोशल मीडिया)

बता दे कि रूसी सेना ने बीते शनिवार को उत्तरपूर्वी यूक्रेन में कब्जा किए मुख्य गढ़ को छोड़ दिया है। वहीं,यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की ने शनिवार शाम को अपने एक वीडियो संबोधन में कहा, “रूसी सेना इन दिनों अपनी सर्वश्रेष्ठ क्षमता का प्रदर्शन कर रही है अपनी पीठ दिखाने के लिए।” उन्होंने यह भी कहा कि यूक्रेन के सशस्त्र बलों ने इस महीने की शुरुआत में रूस के खिलाफ जवाबी कार्रवाई शुरू होने के बाद से लगभग 2,000 वर्ग किलोमीटर (770 वर्ग मील) क्षेत्र को मुक्त करा लिया है।

जबकि,मार्च में राजधानी कीव से अपने सैनिकों को वापस करने के बाद से खार्किव प्रांत में इज़ियम से रूसी सेना का वापस जाना मास्को की सबसे खराब हार थी। 6 महीने पुराने इस युद्ध में यह एक निर्णायक मोड़ साबित होने की स्थिति में है,क्योंकि,हजारों रूसी सैनिकों ने गोला-बारूद के भंडार और उपकरणों को छोड़कर वे भाग गए थे।

इस बीच यूक्रेनी अधिकारियों ने भी इस बात की पुष्टि करना बंद कर दिया कि उन्होंने इज़ियम पर फिर से कब्जा कर लिया है, लेकिन ज़ेलेंस्की के चीफ ऑफ स्टाफ एंड्री यरमक ने इसके बाहरी इलाके में सैनिकों की एक तस्वीर पोस्ट की और अंगूर का एक इमोजी ट्वीट किया। क्योंकि इस शहर के नाम का अर्थ है “किशमिश” यरमक यही नहीं रूके उन्होंने बाद में ट्विटर पर लिखा “रूसी सेना दुनिया में सबसे तेज सेना का खिताब दावा कर रही है … दौड़ते रहो!”

दरअसल,रूसी फौज की वापसी की घोषणा यूक्रेनी सैनिकों द्वारा उत्तर की ओर कुपियांस्क शहर पर कब्जा करने के कुछ घंटों बाद हुई थी,जो एकमात्र रेलवे हब है जो पूर्वोत्तर यूक्रेन में रूस की पूरी फ्रंट लाइन की आपूर्ति करता है। इतना ही नहीं यूक्रेन के अधिकारियों ने शनिवार तड़के अपने सैनिकों की तस्वीरें पोस्ट कीं,जिसमें कुपियांस्क के सिटी हॉल के सामने देश का नीला-पीला झंडा लहराया गया था।

वहीं, रूसी समाचार एजेंसी TASS ने रूस के रक्षा मंत्रालय के हवाले से दावा किया कि उसने सैनिकों को आसपास के क्षेत्र को छोड़ने और पड़ोसी डोनेट्स्क में कहीं और अभियान को मजबूत करने का आदेश दिया था।

TASS ने आगे भी कहा कि खार्किव में रूस के प्रशासन के प्रमुख ने निवासियों से प्रांत को खाली करने और “जान बचाने” के लिए रूस भाग जाने के लिए कहा था। चश्मदीदों ने कारों के ट्रैफिक जाम का वर्णन किया जिसमें लोग रूस के कब्जे वाले क्षेत्र को छोड़कर भाग रहे थे।

यही नहीं TASS ने आगे यह भी दावा किया कि डोनबास की मुक्ति के लिए विशेष सैन्य अभियान के घोषित लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए, डोनेट्स्क दिशा में प्रयासों को बढ़ाने के उद्देश्य से बालाक्लिया और इज़ियम जिलों में स्थित रूसी सैनिकों को फिर से संगठित करने का निर्णय लिया गया।

उधर, एक दिन चुप्पी साधने के बाद रूस ने भी स्वीकार किया है कि उसकी सेना यूक्रेन के दूसरे सबसे बड़े शहर खारकीव के दक्षिण-पूर्व इलाके से पीछे हट चुकी है। ऐसे में रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण इस इलाके पर यूक्रेनी सेना का कब्जा हो गया है। इससे खारकीव पर दुश्मनों के हमले का खतरा भी काफी कम हो गया है।

फिलहाल,अब यह जंग निर्णायक स्थिति में पहुँच गया है, अब ऐसे में क्रेमलिन रणनीतिक रूप से क्या निर्णय करता है ? यह तो कहना जल्दबाजी होगी। लेकिन एक बात तो साफ हो गई है कि परिणाम अब यूक्रेन के पक्ष में साफ-साफ दीख रहा है जिसका कि पहले ही दावा “सीक्रेट आॅपरेशन” न्यूज पोर्टल अपने 1 मार्च के अंक में कर चुका है।

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