एक्सक्लूसिव रिपोर्ट

ब्लैक-सी में रुसी किलेबंदी को तोड़ने के लिए डेनमार्क ने यूक्रेन को दिया हार्पून मिसाइल, रूसी घेराबंदी के चलते पानी के रास्ते कटी है यूक्रेन की सप्लाई लाईन – सतीश उपाध्याय (सीनियर एडिटर)


सांकेतिक तस्वीर।

कीव। रूस-यूक्रेन जंग के बीच डेनमार्क ने यूक्रेन को एंटी शिप हार्पून मिसाइल की डिलीवरी शुरू कर दी है। बता दे कि ये मिसाइलें इतनी घातक है कि समुद्र में दुश्मन की जल समाधि बना सकती है। वहीं,यूक्रेन के रक्षा मंत्री ओलेक्सी रेजनिकोव ने कहा कि इस मिसाइल के मिलने से यूक्रेन की नौसेना की ताकत में इजाफा होगा। एक हार्पून मिसाइल 221 किलोग्राम वॉरहेड के साथ दुश्मन के युद्धपोत को टारगेट बनाने में सक्षम है।

बताते चले कि ओलेक्सी रेजनिकोव ने अपने फेसबुक पोस्ट में लिखा कि हमारे देश की तटीय रक्षा को न केवल हार्पून मिसाइलों से मजबूत किया जाएगा,बल्कि उनका उपयोग प्रशिक्षित यूक्रेनी टीमों के जरिए किया जाएगा। उन्होंने आगे भी कहा कि तट से युद्धपोतों पर हमला करने वाली हार्पून मिसाइल को ओडेसा बंदरगाह से ऑपरेट किया जाएगा। इस बंदरगाह की सुरक्षा में पहले से ही नेप्च्यून मिसाइलें तैनात हैं। ऐसे में हार्पून और नेप्च्यून मिसाइलों का संचालन एक साथ किया जाएगा।

गौरतलब है कि इस साल 24 फरवरी को यूक्रेन पर हमला करने के साथ-साथ रूसी नेवी ने समुद्र में यूक्रेन की सप्लाई लाइन पूरी तरह से काट दिया है ताकि यूक्रेन को किसी भी तरह की पानी के रास्ते कोई मदद ना मिल सके। जहां इस दौरान ब्लैक सी मे रूस ने पूरी घेराबंदी कर रखी है। यहीं कारण है कि यूक्रेन ने रुस के इस घेराबंदी को तोड़ने के लिए ब्रिटेन से मिले नेप्च्यून मिसाइलों से रूस के सबसे शक्तिशाली युद्धपोतों में से एक मोस्कवा को डूबो दिया था। अब डेनमार्क के हारपून मिसाइलों से समुद्र में रूसी किलेबन्दी को तोड़ने की कोशिश होगी,अब आगे क्या होगा ? अभी कहना मुश्किल है ?

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