सांकेतिक तस्वीर।
मॉस्को/कीव। यूक्रेन में पिछले कुछ दिनों से लगातार बैकफुट पर चल रही रूसी फौज को लेकर अब एक और चौंकाने वाला खुलासा सामने आया है, जिसमें यह कहा जा रहा है कि अब रूसी फौज के पास हथियारों की कमी हो गई है। बता दे कि यूक्रेनी सेना ने दावा किया है कि रूस के पास अब हथियारों की कमी के कुछ सबूत देखने को मिले है, दरअसल,यूक्रेनी सेना की ओर से खाली कराए गए जमीन पर कुछ ऐसे निशान मिले हैं जिसे देखकर ऐसा लग रहा है कि रूसी सेना ने वहां पर एस-300 मिसाइल दागी थी।
वहीं,विशेषज्ञों का मानना है कि एस-300 को आसमान में मिसाइल या विमानों को नष्ट करने के लिए बनाया गया है, न कि जमीन पर निशाना लगाने के लिए। रूस द्वारा जमीनी हमलों के लिए एस-300 मिसाइल के इस्तेमाल से पता चलता है कि महीनों से चल रहे युद्ध के चलते उसके पास कुछ सटीक हथियारों की कमी हो गई है। जिसकी वजह से रूस ने एस-300 मिसाइलों जमीन पर दागी है।
उधर, रूसी सेना ने यूक्रेनी शहरों और गांवों पर मिसाइल दागना और गोलाबारी करना अब भी जारी रखे हुई है। क्षेत्रीय गवर्नर ओलेह सिनीहुबोव के हवाले से यह बताया गया है कि शनिवार तड़के एक रूसी मिसाइल हमले में खारकीव के औद्योगिक क्षेत्र में आग लग गई। सिनीहुबोव ने आगे भी कहा कि मिसाइल के अवशेष से पता चलता है कि रूस ने शहर में सतह से हवा में मार करने वाली एस-300 मिसाइल दागी थीं।
ऐसे में यह आंकलन किया जा रहा है कि पूर्वी क्षेत्र में यूक्रेनी सेना के और बढ़त बनाने के प्रयास के बीच रूसी सेना पूर्वोत्तर यूक्रेन में नई रक्षा पंक्ति तैयार कर रही है। उधर, ब्रिटिश रक्षा मंत्रालय ने भी आशंका जाहिर की है कि इस पंक्ति के ओस्किल नदी और स्वतोव के बीच रहने की संभावना है, जो यूक्रेन के दूसरे सबसे बड़े शहर खारकीव से लगभग 150 किलोमीटर दक्षिण-पूर्व में है।
ऐसे में संभावना व्यक्त की जा रही है कि युद्ध में यूक्रेनी सेना के जवाबी हमले के बाद पहले की फ्रंट लाइन टूटने से रूसी सेना नई फ्रंट लाइन तैयार कर रही है। यूक्रेन ने पहले की रूसी फ्रंट लाइन को तोड़कर पूर्वोत्तर खारकीव क्षेत्र में बड़े क्षेत्रों पर फिर से कब्जा कर लिया है, जो रूस की सीमा से लगते हैं। ब्रिटिश सेना ने कहा कि यह स्पष्ट नहीं है कि क्या रूसी सेना एक और मजबूत यूक्रेनी हमले का सामना करने में सक्षम होगी ? फिलहाल इस संबंध में अभी कुछ भी कह पाना मुश्किल है।
इस बीच यह भी अफवाह है कि अब रुसी फौज परमाणु हमले की ड्रिल कर रही है,इतना ही नहीं अमेरिका ने भी परमाणु हमले को लेकर रूस को सीधी धमकी देते हुए साफ कर दिया है कि परमाणु हमला का परिणाम बेहद भयावह होगा। हालांकि अब यह जंग बेहद नाजुक दौर से गुजर रही है,क्योंकि बीते दशकों पहले शीतयुद्ध झेलने वाले रूस ने नाटों के सामने एक तरह से हथियार डालते हुए सोवियत के विघटन को स्वीकार किया था जिसकी टीस पुतिन के मन में अभी भी बरकरार है जिसे पुतिन इसको एक बड़ी हार के रूप में देखते हैं और ऐसे में वह उस शीतयुद्ध के इतर यूक्रेन जंग के बहाने नाटों को एक बड़ा सबक देने के फिराक में है। यदि ऐसा प्लान है तो वह दिन दूर नहीं है कि जब दुनिया परमाणु हमले का गवाह बनेगी।