
सांकेतिक तस्वीर।
नई दिल्ली। सोमवार को नक्सल मूवमैंट की तरफ से भारत के खिलाफ एक बड़ी साजिश की रिपोर्ट सामने आई है और चौंकाने वाली बात यह है कि यह खुलासा खुद मूवमैंट की तरफ से किया गया है। इस संगठन की तरफ से 22 पन्ने का एक दस्तावेज जारी करते हुए दावा किया गया है कि नक्सल मूवमैंट के एक ग्रुप ने दिल्ली में बीते साल में हुए किसान आंदोलन में सफलतापूर्वक घुसपैठ किया था। बता दे कि माओवादियों ने अपने संगठन के 18वीं वर्षगांठ से पहले यह दावा किया है। चूंकि,मूवमैंट हर साल अपना वर्षगांठ 21 से 27 सितंबर के बीच मनाता है।
दरअसल,इस दस्तावेज में माओवादियों ने दावा किया है कि पिछले साल राजधानी दिल्ली में चल रहे किसान आंदोलन में उन्हें बड़ी सफलता मिली और आंदोलन को हिंसक बनाने में उन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। इसी तरह उन्होंने ‘अग्निवीर’ विरोध में हुए आंदोलन में घुसपैठ का भी दावा किया है।
बता दे कि 22 पन्नों के इस दस्तावेज में पार्टी की 18वीं वर्षगांठ के अवसर पर देशभर में क्रांतिकारी उत्साह व दृढ़ संकल्प से मनाने की बात कही गई है। CPI (M) ने अपने सदस्यों, सहानुभूति रखने वालों, सहयोगियों, ओपन एंड सीक्रेट कमिटी और संगठनों से निवेदन किया है कि वे लोग देशभर में ‘लोगों के आंदोलन’ का मार्गदर्शन करने, भड़काने और घुसपैठ करने के लिए पार्टी गाइडलाइन्स को लागू करें।
इतना ही नहीं माओवादियों ने अपने इस दस्तावेज में यह भी कहा है कि पार्टी की गुप्त गतिविधियों से ओडिशा और तेलंगाना जैसे राज्य के विभिन्न हिस्सों में ‘संयुक्त कार्रवाई मंच’ के माध्यम से कई आंदोलनों में घुसपैठ किये हैं। इसके अलावा उस रिपोर्ट में छत्तीसगढ़ के सिलिंगर जैसे ग्रामीण हिस्सों में भी घुसपैठ करने की बात कही गई है,जहां पर सरकारी अभियान “आॅपरेशन प्रहार” चलाया जा रहा है।
उल्लेखनीय हैं कि मूवमैंट की तरफ से इस तरह के दावें ऐसे समय पर सामने आया है जब मूवमैंट से जुड़े लोग भारी संख्या में संबंधित राज्य की पुलिस व केंद्रीय सुरक्षाबलों के सामने लगातार सरेंडर कर रहे हैं। जिससे यह साफ हो गया है कि देश में अब नक्सली मूवमैंट अपनी अंतिम सांस गिन रहा है। अब ऐसे में मूवमैंट के उपर दबाव स्वभाविक है कि वह कुछ ऐसा हड़कंप मचाने वाले हरकत को अंजाम दे ताकि उसका अस्तित्व प्रभावी रूप से कायम रहे।
