इन्वेस्टिगेटिव रिपोर्ट

जारी जंग के बीच आर्कटिक सागर में दुश्मन की नजर से गायब हुई रूस की सबसे ख़तरनाक परमाणु पनडुब्बी, नाटों ने सदस्य देशों को जारी किया चेतावनी, मचा हड़कंप – सतीश उपाध्याय/रविशंकर मिश्र


पनडुब्बी की सांकेतिक तस्वीर।

मॉस्‍को। यूक्रेन के साथ जारी जंग के बीच रूस के राष्‍ट्रपति व्‍लादिमीर पुतिन के आदेश के बाद अब रूस ने अपनी सबसे शक्तिशाली परमाणु पनडुब्‍बी बेलगोरोड को तैनात कर दिया है। जिससे नाटों देशों में हड़कंप मचा हुआ है,जिस वजह से नाटो की तरफ से सदस्‍य देशों को चेतावनी दिया गया है। दरअसल यह वॉर्निंग ऐसे समय में जारी की गई है जब रूसी पनडुब्‍बी आर्कटिक सर्किल से रवाना होने के बाद से दुश्मन की नजर से गायब हो गई। ऐसे में इस रुसी पनडुब्बी पर नजर रखने वाले नाटों का मानना है कि यह अभी भी सागर में ही है और यहां पर इस पनडुब्बी द्वारा पोसायडन परमाणु का टेस्‍ट किया जाना है,बता दे कि नाटों की तरफ से जारी यह गोपनीय रिपोर्ट पिछले दिनों इटालियन मीडिया में लीक हो जाने से चर्चा में आ गई।

बताते चले कि पोसायडन एक ड्रोन है जो पानी के अंदर कई किलोमीटर तक का सफर कर सकता है। इसके बाद यह ड्रोन इतनी शक्ति पैदा करता है कि 1600 फीट तक की परमाणु सुनामी आ सकती है। इस ड्रोन को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि वह पूरे एक शहर को भी डूबा सकता है और साथ ही विकिरण भी पैदा कर सकता है।

वहीं,इस बात की भी आशंका जताई जा चुकी है कि पुतिन ने पिछले हफ्ते नॉर्ड स्‍ट्रीम पाइप्‍स पर हमलों का आदेश दिया था। चूंकि बेलगोरोड को रूस ने एक कैंडीडेट के तौर पर आगे किया था जिसका मकसद मिशन को नुकसान पहुंचाना था। यह पनडुब्‍बी कई छोटी-छोटी पनडुब्बियों को भी साथ ले जा सकती है जो समंदर के अंदर इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर को तबाह करने मे सक्षम हैं। हलांकि अभी तक इस बात की पुष्टि नहीं हो सकी है कि यह पनडुब्‍बी, नॉर्ड पर हुए हमले में शामिल थी। 600 फीट लंबी यह पनडुब्‍बी दुनिया की सबसे बड़ी पनडुब्बियों में शामिल है। ऐसे में बाल्टिक सागर के नीचे जाना इसके लिए काफी मुश्किल होगा।

फिलहाल,अभी तक यह भी स्‍पष्‍ट नहीं हो सका है कि क्‍या बेलगोरोड के पास इतना समय था कि वह सफेद सागर में स्थित अपने होम बेस से बाल्टिक सागर तक जा सके ? दोनों के बीच करीब 3000 मील की दूरी है और इस पनडुब्‍बी की गतिविधियों पर सबकी नजरें रहती हैं। जब से यह पनडुब्‍बी गायब हुई है तब से ही नाटों की तरफ से अपने सदस्‍य देशों को तब से ही चेतावनी दी जा रही है। लेकिन माना जा रहा है कि यह अभी तक आर्कटिक में ही मौजूद है। इस बात की जानकारी नहीं मिल सकी है कि चेतावनी कब दी गई है मगर इटैलियन मीडिया की मानें तो रूस की बेलगोरोड पनडुब्‍बी इस साल के जुलाई से ही अपने सीक्रेट मिशन पर है।

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