सांकेतिक तस्वीर।
सियोल/टोक्यो। दुनिया में जारी भीषण जंगी तनातनी के बीच उत्तर कोरिया की हरकतों ने जापान सहित अमेरिका को बेहद चिंतित कर रखा है। बता दे कि जापान के रक्षा मंत्री यासुकाजू हामादा के हवाले से मंगलवार को एक बयान जारी किया गया है जिसमें कहा गया है कि उत्तर कोरिया ने जो मिसाइल लॉन्च की वह जापान के ऊपर से गुजरी है। मालूम हो कि बीते पांच सालों में यह पहला मौका था जब कोई उत्तर कोरियाई मिसाइल जापान के ऊपर से गुजरी है।
जापानी रक्षा मंत्री हामादा ने बताया कि उत्तर कोरिया का यह मिसाइल करीब 4600 किलोमीटर की दूरी तय की है। पहली बार है जब उत्तर कोरिया की तरफ से फायर की गई मिसाइल इतनी दूर तक गई है। इतना ही नहीं यह मिसाइल 1000 किलोमीटर तक की ऊंचाई तक भी गई थी।
वहीं,उत्तर कोरिया के इस हरकत को काउंटर करने के लिए दक्षिण कोरिया और अमेरिका हरकत में आ गए हैं। जहां इस दौरान दक्षिण कोरिया की तरफ से कहा गया है कि जापान के ऊपर से गुजरी उत्तर कोरिया के इस मिसाइल की प्रतिक्रिया के तहत अमेरिका और दक्षिण कोरिया के फाइटर जेट्स ने बॉम्बिंग ड्रिल्स को पूरा किया है। इस ड्रिल में साउथ कोरिया की वायुसेना के चार एफ-15 और अमेरिकी वायुसेना के चार एफ-16 फाइटर जेट्स ने हिस्सा लिया। दक्षिण कोरिया के एफ-15 ने दो डायरेक्ट अटैक म्यूनिशिन वाले बमों को भी गिराया। यह बम पश्चिमी सागर में स्थिति जिकदो शूटिंग फील्ड में गिराए गए हैं।
बताया जा रहा है कि उत्तर कोरिया की जो दूरी मिसाइल ने तय की है वह अमेरिकी सीमा में आने वाले गुआम को निशाना बनाने के लिए काफी है। बता दे कि गुआम वह जगह है जहां पर कई अहम मिलिट्री बेस हैं। उत्तर कोरिया ने जनवरी 2021 में उस समय एक लंबी दूरी की मिसाइल को टेस्ट किया था जिसके बाद व्हाइट हाउस के राष्ट्रीय सुरक्षा संघ की प्रवक्ता एड्रिएन वॉटसन ने एक बयान में कहा कि अमेरिका के अनुमान के मुताबिक नॉर्थ कोरिया ने लंबी दूरी की मिसाइल लॉन्च की है।
इसी कड़ी में जापानी डिफेंस मिनिस्टर हामाद ने आगे भी बताया कि यह मिसाइल हॉवसोन्ग 12 इंटरमीडियट रेंज बैलेस्टिक मिसाइल हो सकती है। उन्होंने यह भी कहा कि उत्तर कोरिया इससे पहले चार बार इसी मिसाइल को लॉन्च कर चुका है। यह सातवां मौका था जब उत्तर कोरिया की कोई मिसाइल जापान के ऊपर से गुजरी है। इससे पहले सितंबर 2017 में भी ऐसी ही घटना हुई थी।
इतना ही नहीं जापान की तरफ से इस मिसाइल टेस्ट का विरोध दर्ज कराया गया था। बीजिंग स्थित दूतावास की तरफ से सरकार के टॉप अधिकारी ने कहा कि जापान ने मिसाइल को नष्ट करने की कोशिशें नहीं की क्योंकि मिसाइल लॉन्च की वजह से देश को कोई नुकसान होगा, इसकी उम्मीद नहीं थी। वहीं प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा ने भी कहा है कि जापान इस मिसाइल टेस्ट का कड़ा विरोध करता है जो एक भड़काऊ कदम है।
गौरतलब है कि उत्तर कोरिया की जब यह मिसाइल जापानी सीमा में घुसी तो जापान के सुरक्षा सायरन अलर्ट मोड में आ गए, जहां इस दौरान जापान ने तत्काल सभी ट्रेन को रोकने का आदेश जारी कर दिया,इतना ही नहीं लोगों को सुरक्षित सैन्य बंकरों में जाने के लिए भी कहा गया। इसके बाद जापान की सभी ऐजेंसियों की एक सीक्रेट मीटिंग भी हुई। जहां इस दौरान पूरे जापान में दहशत का माहौल बना रहा।