
सांकेतिक तस्वीर।
बीजिंग/ताइपे। चीन के साथ जारी भीषण जंगी तनातनी के बीच ताइवान अपनी सीमा में चीन की बढ़ती घुसपैठ को लेकर बेहद सख्त रुख अपनाते हुए चीन को कड़ी चेतावनी दिया है। बता दे कि ताइवान के डिफेंस मिनिस्टर चिउ कुओ-चेंग ने अपने देश की सीमा पर चीनी ड्रोन्स और फाइटर जेट्स की एंट्री पर जवाबी कार्रवाई करने की बात कही है।
दरअसल,बुधवार को हुई नेशनल डिफेंस कमेटी की मीटिंग में ताइवान के रक्षा मंत्री चेंग ने कहा कि चीन के ड्रोन या फाइटर एयरक्राफ्ट हमारी सीमा में आते हैं तो इसे हमला माना जाएगा। हालांकि उन्होंने ये नहीं बताया कि वो किस तरह चीन के इस हमले का जवाब देंगे ?
बता दे कि ताइवान ने पहले तय किया था कि जब तक चीन पहला हमला नहीं करेगा तब तक ताइवान एक्शन नहीं लेगा लेकिन, ताइपे की नीति में बदलाव देखने को मिल रहा है। शायद यही वजह है कि अब चीन के ड्रोन्स या एयरक्राफ्ट ताइवान एयरस्पेस की सीमा में आते हैं तो इसे एयर स्ट्राइक मानते हुए जवाबी कार्रवाई की जाएगी।
इससे पहले ताइवान की प्रेसिडेंट साई इंग वेन ने भी इस साल की शुरुआत में चीन के खिलाफ जवाबी कार्रवाई करने की बात कही थी। वेन ने कहा था, हम लड़ाई या विवाद करने के पक्ष में नहीं। लेकिन चीन की ओर से हमला हुआ तो हम जवाबी कार्रवाई के लिए तैयार हैं।
गौरतलब है कि चीन और ताइवान के बीच पिछले एक दशक में तनाव बढ़ा है। इस साल 2 अगस्त को US संसद की स्पीकर नैन्सी पेलोसी ताइवान विजिट पर आई्ं थीं। इसके बाद चीन ने ताइवान सीमा के पास सैन्य अभ्यास शुरू कर दिया। इस अभ्यास के दौरान चीन के 22 फाइटर और 4 युद्धपोत ताइवान की सीमा में दाखिल हो गए थे। इनमें सुखोई SU-30, शेनयांग J-11, शेनयांग J-16 जैसे जेट लड़ाकू विमान शामिल थे। इसके बाद दोनों देश पूरी तरह से आमने-सामने हो गए हैं।
